भोपाल । मध्य प्रदेश में आज एक घटना ने सबको झकझोर दिया। भोपाल की में एक युवक से जमकर मारपीट की गई। उसके गले में पट्टा बांधकर कुत्ते की तरह भौंकने के लिए कहा गया। धर्मांतरण का दबाव बनाने के भी आरोप है। ये सब कुछ वायरल वीडियो में था। जिसके बाद शासन -प्रशासन का एक्शन भी नजर आया, लेकिन इसके पीछे का दर्द ये है कि पीड़ित की शिकायत समय पर नहीं सुनी गई, साथ ही मुरैना की भी एक ऐसी ही घटना से पुलिस विभाग पर लापरवाही के सवाल उठ रहे हैं। भोपाल के टीलाजमालपुरा थाना इलाके की वीडियो को देख हर किसी की जुबां से बस यही निकला कि बर्बर, बेहद बर्बर। पीड़ित विजय रामचंदानी ने शिकायत की थी कि मारपीट की गई, गले में बेल्ट बांधकर कुत्ते की तरह भौंकने के लिए कहा गया।
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धर्मांतरण का दबाव बनाया गया। वीडियो वायरल होने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद पुलिस ने साजिद, फैजान और समीर को गिरफ्तार कर लिया। कुल 6 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया ग। इन पर NSA भी लगाया गया और घरों पर हथौड़ा भी चला। इस केस में टीला जमालपुरा के थाना प्रभारी अनुराग लाल को लाइन अटैच किया गया है। उन पर शिकायत के बावजूद FIR दर्ज करने में हीलाहवाली के आरोप हैं। इधर, पीड़ित के भाई का कहना है कि आरोपी लगातार परेशान कर रहे थे। नशे की लत लगाकर मुस्लिम बनने का दबाव बना रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद ये मुद्दा गरमा गया है और सियासत भी ।
बताया जा रहा है कि 9 जून को आरोपियों ने विजय रामचंदानी का अपहरण कर ये वीडियो बनाया था। बर्बरता की ऐसी तस्वीरें MP के मुरैना से भी सामने आई हैं। जहां नंदगंगौली गांव में अवैध शराब के धंधे की शिकायत करने पर दबंगों ने दलितों के साथ मारपीट की। यहां भी FIR दर्ज करने लापरवाही की गई। ऐसे में सवाल यही है कि मध्य प्रदेश में ये क्या हो रहा है। बर्बरता होती है। फरियादी इंसाफ मांगते हैं और पुलिस जिस पर जिम्मेदारी है कार्रवाई की। उसे फरियादियों का दर्द मजाक लगता है।
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