Nitin Gadkari in IRC Seminar 2024: भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में 19-20 अक्टूबर को विशेष सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता को और बेहतर करने के उदेश्य से देशभर के विशेषज्ञों का मंथन शुरू हो चुका है। इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी राजधानी भोपाल पहुंचे। नितिन गडकरी और सीएम मोहन यादव ने IRC सेमिनार का शुभारंभ किया।
सेमिनार का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, इस कार्यक्रम में आकर बहुत खुश हूं। सड़क बनाने में नई तकनीक के इस कार्यक्रम के लिए मध्यप्रदेश को बधाई देता हूं। हमारा उद्देश्य है कि क़्वालिटी बढ़ाएं और कॉस्ट आफ करें। हमारा उद्देश्य आत्मनिर्भर देश बनाना है, एक्सपोर्ट बढ़ाना है और इम्पोर्ट कम करना है। रोड और ब्रिज निर्माण में क्या सुधार होने चाहिए उसके लिए ये सेमिनार बड़ा कदम है। हमारी कोशिश है निर्माण गुणवत्ता बेहतर और निर्माण खर्च को कम किया जाए।
नितिन गडकरी ने कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा है की रोजगार का निर्माण कर देश को सुखी सम्पन्न करना है। जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण होगा, वहां रोजगार बढ़ेगा। नॉलेज से देश के भविष्य को बदलने में मदद मिलती है। जब हम बैठेंगे चर्चा करेंगे तो बेहतर सुझाव आएंगे। गडकरी ने कहा कि, जानकारी की शक्ति बहुत जरूरी है। हमारा फोकस है क्वालिटी कंस्ट्रक्शन को इंप्रूव करने का है। हमारे देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है। देश के विकास के लिए सबसे बड़ी भूमिका इंफ्रास्ट्रक्चर की भी है।
गडकरी ने कहा कि, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में सब का योगदान बड़ा है। छोटे-छोटे लोग भी अच्छी बाते बताते है। नया इनोवेशन किया, जिससे महाराष्ट्र सरकार को 300करोड़ रुपए साल का गंदा पानी से मिलता हैं। नागपुर डंपयार्ड एरिया में शिक्षा संस्थान स्थापित किया गया है। गति शक्ति सॉफ्टवेयर में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन का बड़ा योगदान है। आज हमारे देश का रोड नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है।
DPR (detail project report) तैयार करने वाले अधिकारियों पर केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि, यह लोग रोड का ऐसा डिजाइन बनाते है कि सड़क के बीच में ही अगर कुछ भी आ रहे है फिर वह रोड का प्लान बना देते हैं। बाद में सड़क के बीच में आ रहे खंभे, टावर, मंदिर, मस्जिद को हटाने के लिए करोड़ रुपए खर्च करते हैं। दअरसल, यह लोग ग्राउंड पर जाकर प्लान नहीं बनाते है बल्कि गूगल से रूट तैयार करते हैं, इसलिए यह सब दिक्कत आती है। इन लोगों के कामों को लेकर तो इन्हें पद्मश्री जैसे अवॉर्ड देने चाहिए। गडकरी ने कहाकि यहां अगर कोई बैठा हो तो माफी चाहता हूं।
नितिन गडकरी ने आगे कहा कि, ग्राम सड़क योजना तैयार करते समय अटल ने मुझे बुलाया और प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा। मैंने प्रोजेक्ट तैयार किया और अधिकारियों को सौंप दिया। लेकिन, वह शुरू नही हुई तो अटल ने मुझे बुलाया और पूछा कि योजना क्यों शुरू नहीं हुई तो मैने बताया कि पीएम आप हैं आप बताइए मैं कैसे बताऊंगा। उसके बाद अटल ने अधिकारियों को बुलाया। अधिकारी योजना को शुरू करने में असमर्थता जाहिर करने लगे। फिर मैंने अटल को बोला यह अधिकारी आपको डूबा देंगे। आप इनकी मत सुनिए आप शुरू कीजिए। मुझे खुशी है कि वह योजना शुरू हुई।
गडकरी ने कहा कि, डामर रोड बनाने में कुछ लोगों को बड़ा मजा है। क्योंकि हर साल रोड बनाते है हर साल उखाड़ जाती है और वो लोगों फिर से बनाते है। उनके इस मजे को खत्म करने के लिए नई तकनीक से रोड बनाने का काम शुरू किया है, जिससे 25 साल तक रोड का कुछ नहीं बिगड़ेगा।