Death Due To Cold Wave: राजधानी में जानलेवा बनी ठंड, एक ही दिन में ली इतने लोगों की जान, अगले 3 से 7 दिन सावधान रहने की चेतावनी

Death Due To Cold Wave: राजधानी में जानलेवा बनी ठंड, एक ही दिन में ली इतने लोगों की जान, अगले 3 से 7 दिन सावधान रहने की चेतावनी

  • Reported By: Harpreet Kaur

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  • Publish Date - December 13, 2024 / 10:06 AM IST,
    Updated On - December 13, 2024 / 12:47 PM IST

Death Due To Cold Wave: भोपाल। उत्तर भारत में सर्दी का सितम जारी है। कश्मीर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई, जिसके कारण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार समेत अन्य राज्यों में भी ठंड बढ़ रही है। मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां ठंड जानलेवा साबित हो रही है। जी हां.. राजधानी भोपाल में आज फुटपाथ पर अलग-अलग तीन शव मिले हैं। शीतलहर से तीनों के मौत की आशंका जताई जा रही है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, भोपाल में नादरा बस स्टैंड के पास, भोपाल ट्रेवल्स के करीब और सोमवारा स्थित भवानी चौक के पास तीन अलग-अलग शव बरामद हुए। खुले में सो रहे इन लोगों की ठंड से मौत की आशंका जताई गई है। मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां ठंड का आलम बना हुआ है जो अगले एक सप्ताह तक गजब ढ़ाएगा। अगले 3 से 7 दिन भारी रहेंगे। 15 दिसंबर तक इंदौर, भोपाल में अधिकतम पारा 23/24 डिग्री जबकि न्यूनतम पारा 6/7 डिग्री रहेगा।

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बता दें कि, दिसंबर की रिकॉर्ड तोड़ सर्दी का असर जारी है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा है। बर्फीली हवाओं ने भोपाल संभाग के मौसम का रुख बदल दिया है। रायसेन में तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस और राजगढ़ में तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम में हो रहे बदलाव को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी भी जारी की है। इसके तहत रायसेन, टीकमगढ़ और निवाड़ी समेत 15 से अधिक शहरों में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है।

FAQ: ठंड से मौत के बारे में सामान्य प्रश्न

भोपाल में ठंड से मौत के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

भोपाल में शीतलहर के कारण तापमान अत्यधिक गिर गया है। इस वजह से खुले में रहने वाले, विशेषकर फुटपाथ पर सोने वाले लोग ठंड का शिकार हो रहे हैं।

शीतलहर के दौरान ठंड से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

शीतलहर के दौरान गर्म कपड़े पहनें, बंद स्थानों में रहें, और हीटर का उपयोग करें। खुले में सोने से बचें और जरूरतमंदों को कंबल या गर्म कपड़े उपलब्ध कराएं।

शीतलहर से मौत की पहचान कैसे की जाती है?

ठंड से मौत के मामले में आमतौर पर शरीर के तापमान का अत्यधिक गिरना (हाइपोथर्मिया) मुख्य कारण होता है। पोस्टमार्टम के जरिए इसकी पुष्टि होती है।

स्थानीय प्रशासन शीतलहर से बचाव के लिए क्या कदम उठा रहा है?

स्थानीय प्रशासन रैन बसेरा (नाइट शेल्टर) की व्यवस्था कर रहा है और खुले में रहने वालों को वहां भेजने का प्रयास कर रहा है। इसके अलावा, लोगों को गर्म कपड़े और कंबल वितरित किए जा रहे हैं।

ठंड से मौत के मामलों को कम करने के लिए समाज क्या कर सकता है?

समाज को खुले में रहने वाले लोगों की मदद करनी चाहिए, जैसे उन्हें कंबल देना, रैन बसेरों में भेजना, और ठंड से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना।

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