भोपाल। Face To Face MP: मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने डीलिस्टिंग की मांग कर एक बार फिर इस मुद्दे को हवा दे दिया है। धर्मांतरण की मार झेल रहे आदिवासी लंबे वक्त से डीलिस्टिंग की मांग करते रहे हैं। अब जबकि खुद सरकार के मंत्री ने ये मांग की है तो इसके मायने क्या है। क्या ये सरकार की मंशा के मुताबिक ही है या फिर इसके जरिए शाह अपनी ही सरकार पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं?
मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने एक बार फिर आदिवासी समाज में हो रहे धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। विजय शाह का कहना है कि, डीलिस्टिंग जल्द से जल्द लागू होना चाहिए, जो व्यक्ति आदिवासी समाज छोड़ दूसरे समाज में चला जाता है। उसे जो फायदा मिलता है उसे तत्काल खत्म कर देना चाहिए। दरअसल, काफी समय से हिंदूवादी संगठन सनातन धर्म छोड़ने वालों की घर वापसी करा रहे हैं तो दूसरी ओर धर्मांतरण कर चुके आदिवासियों के खिलाफ डिलिस्टिंग अभियान चलाया जा रहा है।
Face To Face MP: कई आदिवासी संगठन भी कह चुके हैं कि झांसा देकर आदिवासियों का धर्म बदलवाया जा रहा है लेकिन सरकारी दस्तावेजों में बदलाव नहीं होने के कारण मूल आदिवासियों का हक मारा जाता है। हालांकि कांग्रेस इससे इत्तेफाक नहीं रखती वो सरकार को ही कठघड़े में कड़ा कर रही है। आदिसवासी, धर्म परिवर्तन और आरक्षण राजनीति के फेवरेट टॉपिक हैं। मंत्री विजय शाह ने फिर एक बार डिलिस्टिंग की मांग कर दी। ऐसे में सवाल ये कि क्या सरकार इसे लेकर गंभीरता से विचार करेगी है या सिर्फ इस तरह के मुद्दों से राजनीति रोटियां सेकने का काम सियासी दल करते करेंगे।
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