School Education Department amended the rules of recognition and renewal: भोपाल। एमपी बोर्ड से जुड़े निजी स्कूलों को एक बड़ा झटका देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने मान्यता और नवीनीकरण के नियमों में संशोधन कर दिया है। जिसके तहत अब प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूलों को मान्यता और नवीनीकरण के लिए फीस चुकानी होगी। इस गजट नोटिफिकेशन के जारी होते ही प्राइवेट स्कूलों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है और अब स्कूल्स आंदोलन भी कर सकते हैं।
इस बारे में प्राइवेट स्कूल एसोसिशन के अध्यक्ष का कहना है कि निजी स्कूलों से पैसों की उगाही करने के लिए इस तरह के नियम बनाए जा रहे हैं, जबकि मान्यता और नवीनीकरण निशुल्क शिक्षा के अधिकार के तहत आता है। हमने इसे लेकर सीएम शिवराज को पत्र भी लिखा है और अगर जल्द ही इस नियम को बदला नहीं गया तो प्रदेश भर के सभी प्राइमरी और मिडिल क्लास के निजी स्कूल्स आंदोलन करेंगे। बता दें कि अब से प्राइवेट स्कूलों को मान्यता और नवीनीकरण के लिए 20 हजार से 30 हजार तक की फीस देनी होगी, जिसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
School Education Department amended the rules of recognition and renewal: जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, नवीनीकरण और मान्यता के लिए प्राइमरी स्कूल जहां स्टूडेंट्स की संख्या 250 है उन्हें 20 हजार रूपए सालाना और जहां स्टूडेंट्स की संख्या 250 से ज्यादा है उन्हें 30 हजार रूपए सालाना चुकाना होगा। इसी तरह मिडिल स्कूल जहां स्टूडेंट्स की संख्या 250 है उन्हें 25 हजार रूपए सालाना और जहां 250 से ज्यादा है उन्हें 35 हजार रूपए सालाना देना होगा, वहीं ऐसे निजी स्कूल जहां प्राइमरी और मिडिल दोनों कक्षाएं लगती है उन्हें 30 हजार से 40 हजार रूपए देना होगा। इसके अलावा भी अलग-अलग राशि सुरक्षा निधि के तौर पर जमा करना होगा।