Face To Face Madhya Pradesh

Face To Face Madhya Pradesh: रेत माफिया या पेट माफिया? बयान पर घमासान.. क्या सत्ता की शह पर सरकारी अमले पर हमला कर रहे हैं तस्कर

Face To Face Madhya Pradesh: रेत माफिया या पेट माफिया? बयान पर घमासान.. क्या सत्ता की शह पर सरकारी अमले पर हमला कर रहे हैं तस्कर

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Modified Date: March 21, 2025 / 10:57 PM IST
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Published Date: March 21, 2025 10:57 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भिंड-मुरैना में रेत माफिया की गुंडागर्दी।
  • ग्वालियर-चंबल में रेत माफिया की पुलिस-वन विभाग से भिंडत की खबरें सामान्य हो चुकी है।
  • कई बार तो अधिकारियों पर जानलेवा फायरिंग भी की जाती है।

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: आप खुद सोचिए यदि ये आपके इलाके में 30 साल से अवैध रेत खनन चल रहा होगा तो क्या आपको नहीं पता होगा, लेकिन सरकार के एक माननीय के साथ ऐसा ही है। मंत्री जी का नाम है एदल सिंह कंसाना जो उस जिले से आते है, जहां सबसे ज्यादा अवैध रेत खनन होता है, लेकिन मंत्री जी है कि मानते ही नहीं कहते है ये रेत नहीं पेट माफिया है।

भिंड-मुरैना में रेत माफिया की गुंडागर्दी की ये तस्वीरें टीवी पर चली। पेपर में भी छपी लेकिन ये नहीं दिखी तो इलाके के मंत्री एदल सिंह कंसाना हो कंसाना कृषि मंत्री है लेकिन अवैध रेत खनन की शायद पूरी जानकारी रखते है और शायद लोकतंत्र के जिस मंदिर में उन्होंने सच बोलने की शपथ ली है वहां दावा करते हैं कि रेत माफिया है ही नहीं।  जरा एदल सिंह कंसाना के बारे में जान लीजिए,(ग्राफिक्स इन)जनपद पंचायत अध्यक् और कृषि उपज मंडी समिति के संचालक से राजनीति शुरु करने वाले कंसाना 1993 और 1998 में बीएसपी से विधायक रहे,लेकिन जब दिग्विजय सिंह में दम दिखा तो कांग्रेस पहुंच गए 2008,2018 में विधायक बने,दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री भी रहे है,लेकिन 2020 में सिंधिया के साथ फिर पलटी मारी और बीजेपी का साथ थाम लिया,उपचुनाव हारे लेकिन 2023 का चुनाव सुमावली सीट से जीतकर फिर मंत्री बन गए।

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माननीय का इतना परिचय देखकर आप समझ ही गए होंगे कि उन्हें खुद का फायदा कितना पसंद है। कंसाना जिस सुमावली सीट से विधायक है वो गुर्जर बहुल है,जहां राजघाट,कैथरी,कैमरा,बरवासेन,रिटोरा,मऊखेड़ा कुड़ारा घाट आते है,और यहां रेत माफिया के जितने भी लोडर,ट्रैक्टर,जेसीबी,हाईड्रा है वो सभी गुर्जर समुदाय के ही है,यहां ने माइनिंग की टीम कुछ कर पाती है न पुलिस और वन विभाग,आखिर ऐसा क्यों होता है इसका जवाब खुद मंत्री जी दे ही रहे हैं।

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सुमावली सीट पर सिकरवार परिवार का भी खासा वर्चस्व है और वो लगातार अवैध रेत खनन का विरोध करते रहे है लेकिन कंसाना के गुर्जर समुदाय के बढ़ते रसूख के कारण कुछ हो नहीं पाता। अब जब मुद्दा विधानसभा के गलियारों में गूंजा तो कंसाना को जवाब देना पड़ा जिसे आप दो बार सुन भी चुके है और समझ भी चुके होंगे। जाहिर है गेंद जैसे ही कांग्रेस के पाले में पहुंची उसने देर नहीं की और बीजेपी इसे कंसाना की निजी राय बता कर उससे बचने में जुट गई।

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Face To Face Madhya Pradesh: ग्वालियर-चंबल में रेत माफिया की पुलिस-वन विभाग से भिंडत की खबरें सामान्य हो चुकी है। यहां रेत माफिया इतना बेखौफ है कि यदि पुलिस कुछ वाहनों को जब्त करके थाने में लाती भी है तो भीड़ वहां पहुंच कर उसे छुड़ा भी लेती है। कई बार तो अधिकारियों पर जानलेवा फायरिंग भी की जाती है और ऐसे में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के बयान निश्चित ही अवैध खनन रोकने वालों का हौसला तो कमजोर करते ही है।