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अब तक धार में युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपेंद्र ठाकुर,डॉ रुप सिंह नागर जिलाध्यक्ष देवास (समाज कल्याण प्रकोष्ठ),ग्वालियर कांग्रेस के उपाध्यक्ष और तीन बार पार्षद रहे आनंद शर्मा,दमोह जिला पंचायत उपाध्यक्ष मंजू कटारे,प्रदेश महामंत्री धर्मेंद्र कटारे, बटियागढ़ जनपद अध्यक्ष रामरानी कुशवाहा और उपाध्यक्ष रजनी राज वीरेंद्र ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया हैं। न सिर्फ पदाधिकारियों ने बल्कि सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ दी है।
कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता पार्टी के इस निर्णय से रुठ कर घर बैठ गए हैं। खबर है कि आलाकमान से नाराज़ चल रहे कई नेता और पदाधिकारी 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इस्तीफा दे सकते हैं। बावजूद इसके कांग्रेस के बड़े नेता राम मंदिर के खिलाफ बयान देकर अपने ही कार्यकर्ताओं के गुस्से को और बढ़ा रहे हैं। खैर कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि पार्टी में सब ऑल इज़ वेल है। वहीं बीजेपी पर तंज कस रही कि, कांग्रेस के राम सत्ता पाने और नफरत फैलाने के लिए नहीं हैं।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर मचे सियासी बवाल के बाद पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनने लगा है। कांग्रेस ये समझ चुकी है कि मामला पार्टी के विरोध में जा रहा है। लिहाजा कांग्रेस अब शंकराचार्यों की आड़ ले रही है। खरगे,राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह समेत तमाम नेता कह रहे हैं कि शंकरार्चायों की आपत्तियों को भी पीएम मोदी और बीजेपी नजर अंदाज़ कर रही है। उधर यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी एमपी में ये कह दिया कि बीजेपी दूसरे दलों के नेताओं को हिंदू समझती ही नहीं है। जाहिर है दिग्विजय सिंह और विपक्षी नेताओं की तरफ से हो रही बयानबाजी पर बीजेपी भी पलटवार कर रही है।
Ram Van Gaman Path: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पहले सियासी तपिश देश भर में महसूस की जा रही है। विपक्ष के विरोध के बावजूद बीजेपी पूरे देश में अपने हिंदुत्व कार्ड के जरिए माहौल बना रही है। 5 महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि विपक्षी गठबंधन मिलकर भी मुकाबला नहीं कर पाएगा। वो भी तब जब पूरे देश में राम नाम की लहर है और इस लहर पर सवार होकर बीजेपी नया रिकार्ड बनाने की तैयारी भी शुरु कर चुकी है।