मध्य प्रदेश: राज्य शासन के अधीन ऊर्जा विभाग में नई संविदा नीति जारी होने के 11 महीने बाद गुरुवार को ऊर्जा विभाग ने अपने 6 हजार संविदा कर्मचारियों के लिए नई संविदा नीति लागू कर दी। इसमें उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी। संविदा कर्मचारियों के मामले में हर साल रिपोर्टिंग आफिसर के द्वारा कर्मचारी के मूल्यांकन के आधार पर सेवाएं जारी रहेंगी।
संविदा कर्मचारियों के मामले में हर साल मूल्यांकन की व्यवस्था लागू की गई है। इसमें अनुबंध को पूरी तरह से खत्म नहीं किया गया है, लेकिन अभी तक 500 रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप के माध्यम से 3 वर्ष की कार्यअवधि बढ़ाई जाती थी, जो प्रक्रिया अब समाप्त कर दी गई है। इसकी जगह केवल एक बार संविदा कार्यकाल में अनुबंध किया जाएगा जो कि प्रतिवर्ष सीआर (गोपनीय चरित्रावली) के आधार पर स्वत: ही कार्यकाल बढ़ोतरी होती जाएगी। ऊर्जा विभाग प्रदेश के 64 विभागों में पहला विभाग है, जहां नई संविदा नीति लागू की गई है।
मूल्यांकन में ग्रेडिंग घ एवं 3 अंक कम होने की स्थिति में संविदा कर्मचारी की सेवा पर संकट रहेगा, पर इसमें भी कर्मचारी को रिपोर्टिंग आफिसर के सामने अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।
अनुकंपा नियुक्ति, एनपीएस और चिकित्सा सुविधा भी
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पहले संविदा कर्मचारियों के काम से असंतुष्ट न होने पर हर साल कांट्रेक्ट रिन्यू किए जाने की शर्त थी, जिमसें उन्हें बर्खास्त कर दिया जाता था। अब नियमित कर्मचारियों के समान ही उनके निलंबन की कार्रवाई होगी। दो महीने तक उसे 50% वेतन का भुगतान किया जाएगा, उसके बाद कंपनी स्तर पर एक जांच कमेटी संपूर्ण जांच के उपरांत ही गंभीर दोषारोपण होने की स्थिति में सेवा शर्तें समाप्त करने अथवा वेतन वृद्धि रोके जाने की कार्रवाई करेगी। इस प्रक्रिया में दो इंक्रीमेंट रोके जाने की बात कही गई है।
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