भोपाल । इन दो तस्वीरों को ध्यान से देखिए पहली तस्वीर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर की है और दूसरी तस्वीर कांग्रेस के प्रदर्शन की है। भले ही दोनों तस्वीरें एकदम जुदा है। मगर दोनों में एक किरदार कॉमन है. और वो हैं मध्यप्रदेश में हाल ही में नियुक्त हुए पटवारी। इन युवाओं ने पटवारी बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत की..लेकिन अब इनके सपनों पर ग्रहण लग गया है। दरअसल हाल ही में मध्यप्रदेश में पटवारियों के 8618 पदों के लिए परीक्षा हुई । 13 लाख अभ्यर्थियों से फाइट कर ये लोग पटवारी बने लेकिन कांग्रेस ने भर्ती परीक्षाओं पर भारी गड़बड़ी के आरोप लगाये। तो सरकार ने भी फौरन भर्तियां रद्द कर दीं। ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में हुई परीक्षाओं के परिणाम रोक दिये. और सभी भर्तियों की जांच के आदेश दिए गए हैं। अब विपक्ष और सरकार दोनों एक दूसरे को युवाओं का दुश्मन बता रहे हैं।
उधर कांग्रेस के काउंटर में बीजेपी ने परीक्षाओं पर सबसे पहले सवाल खड़े करने वाले अशोक नगर के युवा कांग्रेस नेता गौरव त्रिपाठी को ही संदिग्ध बता दिया है। बीजेपी का दावा है कि गौरव त्रिपाठी ने दिग्विजय सिंह के संरक्षण में सरकार को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है। जवाब में गौरव त्रिपाठी खुद को शिकायत कर्ता बताते हुए सरकार को घेर रहे हैं। कुल मिलाकर भर्ती निरस्त होने के बाद एमपी के हजारों युवाओं का भविष्य अंधकार में है। पटवारी बनने का सपना चौपट हो चुका है। अभ्यर्थी आवेदन लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही है।अब सवाल ये है कि पटवारी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर शुरू हुई डर्टी पॉलिटिक्स का आगामी चुनाव पर कितना असर होता है।
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कांग्रेस का आरोप
1. एक सेंटर से 10 में से 7 परीक्षार्थी कैसे टॉप में आ
गए ?
2. बीजेपी नेताओं के साथ फोटो में दिखने वाले
ज्यादातर टॉप आ रहे क्यों ?
3. ज्यादातर परीक्षार्थियों ने हिंदी में साइन की, उनके
अंग्रेजी में 25 में से 25 मार्क्स आए
4. ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से परीक्षाएं कराई जा रही
5. पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई