नवीन कुमार सिंह, भोपाल।
Bhopal News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एक्शन मोड पर है। गुना में लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई के बाद ड्रायवर को उसकी औकात बताने वाले शाजापुर कलेक्टर को भी डॉ मोहन यादव ने नाप दिया है लेकिन विपक्ष इसके सियासी मायने निकाल रहा है। आप नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट कर कहा कि शाजापुर कलेक्टर किशोर कान्याल को एक ड्राइवर भाई की औकात दिखाने पर उनके पद हटाया जाना अच्छी बात है! लोकतंत्र में जनता से उसकी औकात पूछने का अधिकार नौकरशाहों को नहीं है! जनता सर्वोपरि थी, सर्वोपरि है और हमेशा रहेगी! शाजापुर कलेक्टर को औकात पूछने की सजा दी जाना सही फैसला है। शिवराज-राज के बेलगाम कलेक्टरों को एक-एक करके निपटाया जाना गलत भी नहीं है! गुना कलेक्टर को बस हादसे की सजा मिली तो शाजापुर कलेक्टर को भरी मीटिंग में अपनी ताकत दिखाने की! गंदगी के खिलाफ स्वच्छता अभियान तो चलना ही चाहिए!
बीजेपी नई कलह ने लिया जन्म
वहीं उमंग सिंघार ने सीएम के एक्शन की तारीफ करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी घेराबंदी कर दी है। ये बताने की कोशिश की है कि बीजेपी के भीतर एक नई कलह ने जन्म ले लिया है। दरअसल, डॉ मोहन यादव के सामने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कद की बराबरी करने की बड़ी चुनौती है। साथ ही चुनौती ये भी है कि बतौर मुख्यमंत्री मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान से बड़ी लकीर खींचें। जाहिर है इसी कोशिश में डॉ मोहन यादव ने 19 दिन के भीतर सातवें अफसर शाजापुर कलेक्टर किशोर कान्याल को न सिर्फ नाप दिया बल्कि उनका तबादला भी किया। आज तक उन अफसरों को कोई नयी जिम्मेदारी भी नहीं दी। बीजेपी में भी खलबली है कि आखिर डॉ मोहन यादव इतनी तेज़ी में क्यों है।
मध्यप्रदेश से बीजेपी के आलाकमान को सबसे ज्याद उम्मीदें
Bhopal News: हालांकि बीजेपी नेता इस मसले पर खुलकर बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन ये जरुर कह रहे हैं कि ये गरीबों की सरकार है। गरीबों के साथ भेदभाव करने वाले B बख्शा नहीं जाएगा। वहीं पांच महीने बाद लोकसभा चुनाव है। बीजेपी की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है। वो भी तब जब पूरा विपक्ष एक हो गया हो। ऐसे में 29 सीटों वाले मध्यप्रदेश से बीजेपी आलाकमान को सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। जाहिर है कि आलाकमान की इसी उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश में मोहन यादव जुटे हुए हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि मोहन यादव का ये अंदाज पब्लिक को जरुर पसंद आएगा। तो कांग्रेस को डर है कि मोहन यादव की बढ़ती लोकप्रियता कांग्रेस के रास्ते में बड़ा रोड़ा बन सकती है।