भोपाल। Political uproar over ABVP membership मध्यप्रदेश में बीजेपी के युवा विंग AVBP के सदस्यता अभियान पर सियासी बवाल मचा है। उसकी वजह है आगर मालवा के जिला शिक्षा अधिकारी का एक आदेश, जिसे लेकर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि प्रदेश में RSS और BJP के दबाव में कलेक्टर और DEO काम कर रहे हैं। क्या है पूरा मामला इस रिपोर्ट के जरिए समझिए।
DEO का आदेश की कॉपी, जिसे लेकर मध्यप्रदेश में सियासी पारा हाई है। बीजेपी और कांग्रेस फिर आमने-सामने हैं। आपको बताते हैं कि जिस आदेश को लेकर घमासान छिड़ा है, वो आदेश क्या है और किसने दिया है। दरअसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इन दिनों अपना कुनबा बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान चला रहा है। अलग-अलग संस्थानों और में जाकर विद्यार्थियों से जुड़ने के लिए कह रही है।
इसी बीच आगर मालवा जिले में जिला शिक्षा अधिकारी ने ABVP को स्कूलों में जाकर सदस्यता अभियान चलाने की मंजूरी दी है। मंजूरी देते हुए आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी ने सदस्यता अभियान को रचनात्मक कार्य बताया है। जिसपर NSUI अब प्रदेश भर में बीजेपी सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की तैयारी में है।
कांग्रेस ने दावा किया कि कलेक्टर, शिक्षा अधिकारी सहित जिले के तमाम अधिकारी बीजेपी और RSS के दबाव में काम कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे एबीवीपी की गुंडई बताया है तो बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करती है।
ABVP के सदस्यता अभियान पर मचे सियासी बवाल के बीच नया विवाद सामने आया।अभियान के दौरान चंदा नहीं देने पर ABVP कार्यकर्त्ताओ ने भोपाल के बावड़ियां कला स्थित एक स्कूल में जमकर तोड़फोड़ की और स्कूल संचालक पर भी जानलेवा हमला कर दिया। आरोपियों ने संचालक को बंधक भी बनाया, हालांकि ABVP ने इस घटना की निंदा की है।
कुल मिलाकर ABVP का सदस्यता अभियान शुरू होने से पहले ही विवादों की भेंट चढ़ गया। पहले आगर मालवा में अभियान के लिए स्कूल में जिला शिक्षा अधिकारी की मंजूरी।फिर भोपाल में खूनखराबा, कांग्रेस को बैठे-बिठाए बीजेपी को घेरने के लिए एक मुद्दा दे दिया है।