मप्र : उद्योग जगत ने बजट को खुलकर सराहा, व्यापारी संगठनों की संतुलित प्रतिक्रिया

मप्र : उद्योग जगत ने बजट को खुलकर सराहा, व्यापारी संगठनों की संतुलित प्रतिक्रिया

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 04:13 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 04:13 PM IST

इंदौर, 23 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश के उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार के पेश आम बजट की खुलकर सराहना की। औद्योगिक संगठनों ने कहा कि बजट के प्रावधानों से खासकर सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को नयी रफ्तार मिलेगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य हासिल करने में बड़ी मदद हासिल होगी।

एमएसएमई क्षेत्र के संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज’ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष योगेश मेहता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,’केंद्र सरकार का आम बजट देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति के तहत पेश किया गया है। बजट प्रावधानों के प्रभाव से भारत के एमएसएमई को बल मिलेगा और वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन को कड़ी टक्कर दे सकेंगे।’’

मेहता ने बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये रखे जाने के प्रस्ताव की भी सराहना की और कहा कि यह इस मद में ‘‘ऐतिहासिक आवंटन’’ है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष आशीष वैश्य ने कहा,’हमें विश्वास है कि बजट की घोषणाएं आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में हमारी यात्रा की रफ्तार तेज कर देंगी। बजट कौशल और क्षमता निर्माण के महत्व पर भी जोर देता है। यह नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यबल को आवश्यक कौशल से लैस करने के हमारे लक्ष्य के अनुरूप है।’

राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के 1,500 छोटे-बड़े उद्योगों की नुमाइंदगी करने वाले पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने भी बजट की तारीफ की है। संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने कहा,’बजट में एमएसएमई क्षेत्र के विकास के साथ ही युवाओं को रोजगार और इंटर्नशिप के मौके देने पर विशेष ध्यान दिया गया है जो स्वागतयोग्य कदम है।’’

राज्य की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के कारोबारी संगठनों के महासंघ ‘अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स’ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने व्यापार जगत के लिहाज से बजट को ‘‘सामान्य’’ करार दिया।

उन्होंने कहा,‘‘इस बार व्यापार जगत को उम्मीद थी कि बजट के जरिये आयकर में बड़ी छूट मिलेगी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की प्रणाली को आसान बनाया जाएगा। यह उम्मीद पूरी नहीं होने से व्यापार जगत को मायूसी हाथ लगी है।’’

‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)’ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेशचंद्र गुप्ता ने कहा कि जीएसटी प्रणाली की कथित जटिलताओं से छोटे व्यापारी लंबे समय से जूझ रहे हैं, लेकिन बजट में इनका कोई समाधान नहीं किया गया है।

गुप्ता ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले कर्ज की सीमा दोगुनी बढ़ाकर 20 लाख रुपये किए जाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत किए जाने के बजट प्रावधानों की तारीफ की।

भाषा हर्ष

राजकुमार

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