मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोजशाला विवाद पर सुनवाई स्थगित की

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोजशाला विवाद पर सुनवाई स्थगित की

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  • Publish Date - July 22, 2024 / 03:18 PM IST,
    Updated On - July 22, 2024 / 03:18 PM IST

इंदौर, 22 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने सोमवार को धार जिले में विवादित भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर पर सुनवाई स्थगित कर दी।

यह सुनवाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इस मुद्दे पर अपनी वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के एक सप्ताह बाद की गई।

एएसआई के वकील हिमांशु जोशी ने बताया कि न्यायमूर्ति एस ए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति डी वी रमण की खंडपीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश आने के बाद वह मामले की सुनवाई करेगी।

उच्चतम न्यायालय ने 15 जुलाई को भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के खिलाफ ‘मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी’ द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी।

‘मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी’ की याचिका में उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया था कि यह धर्मस्थल किस समुदाय का है।

उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि हस्तक्षेपकर्ता आवेदनों पर अंतिम बहस के चरण में विचार किया जाएगा, क्योंकि एएसआई के वकील ने तर्क दिया कि यदि इस तरह के आवेदन पर विचार किया गया तो कई और आवेदन आएंगे तथा मामला लटक जाएगा।

‘पीटीआई- भाषा’ के साथ बातचीत के दौरान जोशी ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय से निर्देश आने के बाद उच्च न्यायालय एएसआई रिपोर्ट पर सुनवाई शुरू करेगा।’

एक अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि इस सर्वेक्षण के परिणाम पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

पिछले सप्ताह एएसआई ने अपनी 2000 से अधिक पृष्ठों वाली वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

हिंदू समुदाय भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद कहता है।

विवाद उत्पन्न होने के बाद एएसआई ने 7 अप्रैल 2003 को स्मारक तक पहुंच के संबंध में एक आदेश जारी किया।

पिछले 21 वर्षों से लागू आदेश के अनुसार, हिंदुओं को मंगलवार को भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमान शुक्रवार को वहां नमाज अदा कर सकते हैं।

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने अपनी याचिका में इस व्यवस्था को चुनौती दी है

भाषा

योगेश नरेश

नरेश