Madhya Pradesh E-Mandi Yojana: नए साल से बी-क्लास की 41 मंडियों में होगी शुरू ई-मंडी योजना, अब घर बैठे ही किसान मोबाइल से बना सकेंगें प्रवेश पर्ची

Madhya Pradesh E-Mandi Yojana: नए साल से बी-क्लास की 41 मंडियों में होगी शुरू ई-मंडी योजना, अब घर बैठे ही किसान मोबाइल से बना सकेंगें प्रवेश पर्ची

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  • Publish Date - December 28, 2024 / 06:39 PM IST,
    Updated On - December 28, 2024 / 11:43 PM IST

भोपाल। Madhya Pradesh E-Mandi Yojana:  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ई-मंडी योजना एक जनवरी 2025 से प्रदेश की बी-क्लास की 41 मंडियों में विस्तारित की जा रही है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) अपनी महत्वपूर्ण ई-मंडी योजना का विस्तार कर रहा है। पूर्व से ई-मंडी योजना 42 मंडियों में क्रियाशील है। मंडियों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिये प्रदेश में निरंतर कार्य किया जा रहा है।

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ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिये स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिये या प्रवेश पर्ची के लिये लाईन में नहीं लगना होगा। ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी। मंडियों को हाईटेक बनाया जा रहा है। लक्ष्य रखा गया है कि 01 अप्रैल 2025 से सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में कार्य करें।

मोबाइल ऐप से प्रक्रिया होगी सरल

मंडी ऐप के द्वारा किसान भाइयों के लिये प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। किसानों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है कि वह मंडी आने से पहले मंडी में अपनी प्रवेश पर्ची स्वयं अपने मोबाइल से बना सकते हैं। एक बार प्रवेश पर्ची बन जाने पर बार-बार उन्हें अपना संपूर्ण डाटा मंडी में देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। प्रवेश पर्ची बन जाने से किसान सीधे मंडी प्रांगण के नीलामी स्थलों पर जाकर अपनी कृषि उपज की नीलामी करा सकते हैं।

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नीलामी की कार्यवाही भी मिलेगी मोबाइल पर

नीलामी की कार्यवाही की जानकारी किसानों को मोबाइल पर भी प्राप्त होगी। तुलावटी भाईयों को ई-मंडी योजना का प्रशिक्षण दिया गया है। वे एंड्रॉयड मोबाइल पर की गई तौल का फाइनल वजन दर्ज करेंगे और उन्हें कोई भी जानकारी लिखने की आवश्यकता नहीं रहेगी। साथ ही व्यापारी साथियों को भी भुगतान पत्रक बनाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। ई-मंडी योजना में व्यापारी की आईडी पर रेडीमेड भुगतान पत्रक प्रदर्शित होगा। व्यापारी को उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे भुगतान की सिर्फ एंट्री ही करनी होगी।

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रियल टाइम होगा उपज रिकार्ड का संधारण

Madhya Pradesh E-Mandi Yojana:  ई-मंडी योजना से किसानों द्वारा मंडी में विक्रय की जा रही कृषि उपज का रिकार्ड संधारण रियल टाइम ऑनलाइन होगा। इससे मंडियों में भीड़-भाड़ भी नहीं होगी और असुविधा भी नहीं होगी। किसान भाइयों को प्रवेश, अनुबंध, तौल तथा भुगतान करने के बाद उनके मोबाइल पर एसएमएस तथा व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होगा। किसानों को यह जानकारी रहेगी कि उनकी उपज किस व्यापारी द्वारा कितने दाम पर खरीदी गई है।

 

 

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. मध्यप्रदेश ई-मंडी योजना क्या है?

मध्यप्रदेश ई-मंडी योजना एक डिजिटल प्लेटफार्म है जो किसानों को उनके उत्पाद ऑनलाइन बेचने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे सीधे खरीदारों से जुड़ सकते हैं और अच्छे मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।

2. मध्यप्रदेश ई-मंडी योजना का लाभ किसानों को कैसे होता है?

इस योजना से किसान अपने उत्पादों को डिजिटल रूप से बेचनें में सक्षम होते हैं, जिससे मध्यस्थों की कमी होती है और उन्हें उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।

3. क्या मध्यप्रदेश ई-मंडी योजना का उपयोग केवल मध्यप्रदेश के किसानों के लिए है?

जी नहीं, इस योजना का उद्देश्य सभी किसानों को ऑनलाइन बिक्री का अवसर देना है, हालांकि यह शुरुआत मध्यप्रदेश से हुई है।

4. मध्यप्रदेश ई-मंडी योजना में पंजीकरण कैसे करें?

किसान इस योजना में पंजीकरण के लिए मध्यप्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी दी जाएगी।

5. क्या मध्यप्रदेश ई-मंडी योजना से किसानों को अपनी उपज के लिए अच्छा मूल्य मिल सकता है?

जी हां, इस योजना से किसानों को सीधे बाज़ार से जुड़ने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सकता है।

 

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