Ladali Kakshmi Yojana 2.0 भोपाल : राजधानी भोपाल में बीते 2 नवंबर को हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रोत्साहन राशि वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज के सामने एसीएस के बयान पर अब सियासी नया बखेड़ा शुरू हो गया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरकार के सीनियर आईएएस और महिला एवं बाल विकास विभाग के एसीएस अशोक शाह ने कहा था कि, आज भी नवजात बच्चियों के साथ भेदभाव हो रहा है। ये भेदभाव भी पुरुष वर्ग नहीं बल्कि उनकी मां कर रही हैं। बच्चियों के जन्म के बाद भी माताएं अपने बच्चियों को दूध नहीं पिलाती। उन्होंने आश्चर्य चकित करने वाला आंकड़ा भी मंच से बताया कि प्रदेश में 42 प्रतिशत महिलाएं ही अपनी बच्चियों को दूध पिलाती है। लेकिन यह आंकड़ा साल 2005 में 15 फीसदी पर था।
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Ladali Kakshmi Yojana 2.0 इस आंकड़े के साथ उन्होंने समाज को अपनी सोच बदलने की बात भी कही थी।इस पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत व हास्यास्पद कथन देखा।मुख्यमंत्री जी महिलाओं के सम्मान के लिए सजग व संवेदनशील हैं। जब मैंने फोन पर बात करके सीएम को यह बात बताई, तो वह इस कथन से असहमत व आश्चर्यचकित थे। मुख्यमंत्री जी की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने यह भी लिखा कि मुझे लगता है कि सीएम इस कथन को ठीक करने का रास्ता स्वयं निकाल लेंगे।
Ladali Kakshmi Yojana 2.0 वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि “हमारी योजना के कारण अब 42 प्रतिशत महिलाएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं, जबकि 2005 से पहले वह 15 प्रतिशत था। अगर यह कथन सही छपा है, तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी व मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है।अधिकारियों को बयान के प्रति सचेत व जिम्मेवार रहना चाहिए। अमीर हो या ग़रीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर मां अपने बच्चे को दूध पिलाती ही है।
Ladali Kakshmi Yojana 2.0 लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा।आखिर सारी महिलाएं बेटियां ही हैं, वो जिंदा कैसे रह गईं, उधर मामले पर कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाने लगाए। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने बताया कि एसीएस शाह का बयान सरकार को आईना दिखाने वाला है। यह कारण है कि कुपोषण की तस्वीरें आज भी प्रदेश में सामने आती हैं। एसीएस के महिलाओं के प्रति आपत्ति जनक तो है ही पर यह सरकार के तमाम दावों की पोल भी खोलता है।
Ladali Kakshmi Yojana 2.0 एसीएस के बयान पर मचे घमासान पर बीजेपी ने साफ किया कि यदि अधिकारी से भूल हुई तो मांफी मांगनी चाहिए। अन्यथा अपने बयान को सच साबित करने के लिए सबूत पेश करना चाहिए। नसीहत भी दी कि कौन-सी बात किस परिस्थिति में कहां की जानी चाहिए इसका ध्यान भी अफसरों को रखना चाहिए।
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