Face To Face Madhya Pradesh। Photo Credit: IBC24
Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। ‘हमें तो अपनों ने ही लूटा, गैरों में कहां दम था…’ ये लाइन इन दिनों मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर सटीक बैठ रही है। क्योंकि, बीजेपी विधायक इन दिनों ‘अपनी ही सरकार’ से सवाल पूछ रहे हैं और जवाब में मिला है कारण बताओ नोटिस। कुछ ऐसा ही हुआ है बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय के साथ, अब सवाल ये है कि क्या चिंतामणि मालवीय ने पार्टी लाइन से अलग हटकर कोई बात कही है। सवाल ये भी कि चिंतामणि की तरह पार्टी के कुछ और विधायकों ने सदन में अपने ही मंत्रियों को घेरने की कोशिश आखिर क्यों की?
बीजेपी विधायक चिंतामणी मालवीय ने फिर बीजेपी सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है। विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सिंहस्थ कुंभ के लिए भूमि अधिग्रहण पर चिंतामणी मालवीय के दमदार भाषण ने पूरी सरकार को विधानसभा के चलते सत्र में कठघरे में खड़ा कर दिया है। चिंतामणी मालवीय के इस बयान ने बीजेपी की अंदरुनी सियासत को हिला कर रख दिया है। मालवीय के बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया, बावजूद इसके चिंतामणी मालवीय के तेवर कमज़ोर नहीं पड़े। वो ये कह गए कि ये सदन में विधायक का विवेकाधिकार है।
दरअसल, चिंतामणी मालवीय ने सदन में चर्चा के दौरान उज्जैन में सिंहस्थ भूमि अधिग्रहण पर कहा कि, इसके पीछे उज्जैन के किसानों को आशंका है कि कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया का यह षड्यंत्र है। पैसा प्रतिभा से कमाया जाता है और जो जितना प्रतिभाशाली होता है, उतना ही धनवान भी होता है। ऐसा माना भी जाता है कि कोई व्यक्ति एक, दो, पांच, दस हजार-बीस हजार करोड़ रुपए कमा ले… लेकिन, कफन में जेब नहीं होती। क्योंकि, हमारा जीवन बहुत छोटा है।
जाहिर है चिंतामणी मालवीय के बयान के जरिए अब कांग्रेस पूरी बीजेपी सरकार की घेराबंदी कर रही है। फिलहाल चिंतामणी मालवीय के बयान ने दिल्ली तक सियासत गरमा दी है। मालवीय अब भी अपने बयान पर बने हुए हैं। भले ही शो कॉज नोटिस मिल चुका हो। हालांकि, चिंतामणी मालवीय के पहले बीजेपी के कई और विधायक अपनी ही सरकार को दमदारी से घेर चुके हैं। जाहिर है सिंहस्थ कुंभ साल 2028 में होने वाला है, लेकिन उसके पहले मध्यप्रदेश में भूमि अधिग्रहण के नाम पर सियासत गरमा गयी है। फिलहाल सिंहस्थ कुंभ के लिए भूमि अधिग्रहण पर सरकार की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े कर रही है, जिसका जवाब आना बेहद ज़रुरी है।