Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। आज कांग्रेस ने मप्र में एक बड़ा प्रदर्शन किया। पिछले कुछ दिनों से वो लगातार प्रदर्शन कर रही है। बयानबाजी भी कर रही है। कभी दलित, कभी आदिवासी तो कभी अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर वो मुखर रही है। पर, इस बार टीकमगढ़ में हुए गैंगरेप में दो आरोपी मुस्लिम है, इसलिए कांग्रेस चुप बैठ गई। ये आरोप है बीजेपी का। क्या वाकई ये सेलेक्टिव पॉलिटिक्स का मामला है या फिर अपना पिंड छुड़ाने के लिए बीजेपी मामले को घुमा रही है?
टीकमगढ़ में एक आदिवासी नाबालिग के साथ गैंगरेप के मामले ने एक बार फिर से प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, खेत में अकेला पाकर आरोपियों ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि, मामले में दोनों आरोपियों सलीम खान और लालू खान को गिरफ्तार किया है। आपतो याद दिला दें कि टीकमगढ़ में एक सप्ताह के भीतर गैंगरेप की ये दूसरी घटना है। 5 दिन पहले लिधौरा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ दो लोगों ने गैंगरेप किया था। इस मामले पुलिस प्रशासन पर भी FIR दर्ज करने में देरी करने का आरोप है। हालांकि SP का कहना है कि अगर ऐसा हुआ है तो जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया जाएगा।
इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में आदिवासी और दलित सुरक्षित नहीं है। एमपी में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब है। एमपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है। अपराधी केवल और केवल अपराधी होता है..वो किसी जाति, धर्म का नहीं होता। कांग्रेस केवल सिलेक्टिव पॉलिटिक्स करती है, जबकि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि बीजेपी पॉलिटकल माइलेज लेने के लिए बेगुनाह मुसलमानों को टारगेट कर रही है।
इधर भोपाल में युवा कांग्रेस नर्सिंग घोटाले, महंगाई, और बेरोजगारी के मुद्दे पर सीएम हाउस घेराव करने पहुंची, जहां उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और अब इनसे बात बनती नहीं दिखी तो पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े। इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए PCC चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
यानी एक तरफ दलितों, आदिवासियों के साथ अत्याचार, बेरोजगारी, नर्सिंग घोटाले समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस हमलावर है और बीजेपी सरकार और प्रशासन को घेरने का कोई मुद्दा वो छोड़ना नहीं चाहती, तो दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस की पॉलिटिक्स को सिलेक्टिव बताकर ये जताने की कोशिश करती है कि, कांग्रेस केवल अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है।