Dr. saraswati suicide case: भोपाल। बीते दिन राजधानी में गांधी मेडिकल कॉलेज से गायनी में पीजी कर रहीं जूनियर डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया। 27 साल की सरस्वती की मौत बेहोशी के इंजेक्शन के ओवरडोज लोने की वजह से हुई है। आज राजधानी पहुंचे सरस्वती के परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया। वह नहीं चाहते कि उनकी बेटी का पोस्टमार्टम किया जाए। परिजनों का कहना है कि बेटी द्वारा की गई आत्महत्या के पीछे की वजह सामने आए कि आखिर किसकी वजह से उसने इतना बड़ा कदम उठाया।
Dr. saraswati suicide case: बता दें डॉ सरस्वती आंध्र प्रदेश की रहने वाली थीं। वह PG की पढ़ाई लगभग पूरी करने वाली थीं। इतना ही नहीं डॉ. सरस्वती 14 हफ्ते के गर्भ से भी थीं। बता दें दोनों पति-पत्नी रात को अलग-अलग कमरों में सोए थे और सुबह पति ने पत्नी को पूजा वाले कमरे में अचेत हालत में देखा गया। उसके बेड के पास 2 एनेस्थीसिया इंजेक्शन मिले थे। जिसके बाद आनन फानन में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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