भोपाल: MP में दलितों का हितैषी बनकर सियासी समीकरण साधे जा रहे हैं। सागर में सौ करोड़ की लागत से बनने जा रहे संत रविदास मंदिर निर्माण का भूमिपूजन पीएम नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को करेंगे। (IBC24 Face to Face Madhya Pradesh) इस आयोजन से पहले इस पर सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस ने दावा किया है कि कमलनाथ सरकार, साल 2019 में ही रविदास मंदिर बनाने का ऐलान कर चुकी थी। अगर कमलनाथ सरकार ना गिराई गई होती तो अब तक सागर में भव्य रविदास मंदिर बनकर तैयार भी हो जाता। बीजेपी ने कांग्रेस के इस दावे पर पलटवार किया है।
ये तस्वीरें उन समरसता यात्राओं की हैं, जो मध्यप्रदेश की चारों दिशाओं से निकल रही हैं। ये यात्राएं 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 100 करोड़ की लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर निर्माण का भूमिपूजन करेंगे। इस आयोजन के बहाने भाजपा खुद को दलित हितैषी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। इधर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी मंदिर निर्माण का झूठा श्रेय ले रही है। कांग्रेस का आरोप है कि वोटों की राजनीति के लिए भाजपा संत रविदास का मंदिर बनवा रही है। संत रविदास मंदिर निर्माण और समरसता यात्राओं के प्रभारी बनाए गए भाजपा नेता डॉक्टर जितेन्द्र जामदार ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस संत रविदास का नाम भी लेने के योग्य नहीं है।
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मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति और 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी इन 82 में से 34 सीट ही जीत पाई थी। जिनमें 18 SC और 16 ST सीट शामिल थीं। साल 2013 में ये संख्या 59 सीटों पर थी। जिसमें 28 SC और 31 ST सीट शामिल थीं। (IBC24 Face to Face Madhya Pradesh) जाहिर है संत रविदास के मंदिर निर्माण पर गरमा रही सियासत के गहरे मायने हैं।
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