Contract Employees Regularization Order News / शुरू हुई नियमितीकरण की प्रक्रिया / Image Source: Symbolic
भोपाल: Contract Employees Regularization Order News प्रदेश की मोहन यादव सरकार को आज एक साल हो गए हैं। आज ही के दिन साल 2023 में मोहन यादव ने सीएम पद की शपथ ली थी। डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर सीएम मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है। इसी कड़ी में सरकार ने लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे अनियमित कर्मचारियों के लिए भी बड़ी खुशखबरी दी है।
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Contract Employees Regularization Order News दरअसल प्रदेश में तैनात अनियमित शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने अनियमित शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए कमेटी का गठन किया है, जो नियमितीकरण की प्रक्रिया को पूरा करेगी। इस कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक संचालक, और एक हाई स्कूल प्राचार्य शामिल होंगे। यह समिति शिक्षक की परिवीक्षा यानी ट्रायल पीरियड से संबंधित सभी मुद्दों का मूल्यांकन करेगी। बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 15000 अनियमित कर्मचारियों को लाभ होगा।
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हर तीन साल में होगा नियमितीकरण
जारी निदेश के अनुसार अब, हर शिक्षक को अपने ज्वाइनिंग के तीन साल बाद नियमितीकरण के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा। इस प्रक्रिया में शिक्षक को एक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन देना होगा, जिसमें वह यह बताएंगे कि उनकी तीन साल की परिवीक्षा अवधि खत्म हो चुकी है।
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नियमितीकरण के लिए इन नियमों का किया जाएगा पालन
संकुल प्राचार्य द्वारा इन आवेदन पत्रों की जांच की जाएगी, और यह देखा जाएगा कि शिक्षक ने अपनी परिवीक्षा अवधि के दौरान सही तरीके से काम किया है या नहीं। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक के खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत या अदालत में कोई मामला न हो। अगर शिक्षक का ट्रांसफर दूसरे जिले में हुआ है, तो उस जिले से उसके अवकाश और वेतन की पुष्टि की जाएगी। इसके अलावा, शिक्षक की गोपनीय चरित्रावली भी संतोषजनक होनी चाहिए। अगर शिक्षक ने शिशुपालन अवकाश लिया है, तो उसे सही ढंग से प्रमाणित करना होगा। जिलास्तरीय समिति इन सभी मापदंडों के आधार पर शिक्षकों की पात्रता की जांच करेगी और फिर उनका नियमितीकरण तय करेगी।
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FAQ Section:
- क्या मोहन यादव सरकार ने अनियमित शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है?
हां, मोहन यादव सरकार ने प्रदेश में तैनात अनियमित शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है, जो इस प्रक्रिया को पूरा करेगी।
- अनियमित शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए क्या नियम होंगे?
अनियमित शिक्षकों को नियमितीकरण के लिए तीन साल की परिवीक्षा अवधि पूरी करनी होगी। शिक्षक को एक निर्धारित आवेदन पत्र में यह बताना होगा कि उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त हो चुकी है और उनके खिलाफ कोई शिकायत या मामला नहीं है।
- नियमितीकरण के लिए शिक्षक की पात्रता कैसे जांची जाएगी?
शिक्षकों की पात्रता को संकुल प्राचार्य द्वारा जांचा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक ने अपनी परिवीक्षा अवधि के दौरान अच्छे तरीके से काम किया हो, उनके खिलाफ कोई शिकायत न हो, और उनकी गोपनीय चरित्रावली संतोषजनक हो।
- अनियमित शिक्षकों को नियमितीकरण से कितनी राहत मिलेगी?
सरकार के इस फैसले से लगभग 15,000 अनियमित कर्मचारियों को राहत मिलेगी। यह नियमितीकरण उन्हें स्थायित्व और बेहतर कार्यस्थितियों का अवसर प्रदान करेगा।
- क्या नियमितीकरण प्रक्रिया में कोई विशेष मापदंड होंगे?
हां, नियमितीकरण के लिए शिक्षक की परिवीक्षा अवधि, कार्य प्रदर्शन, शिशुपालन अवकाश की प्रमाणिकता, और उनके खिलाफ कोई कानूनी मामले न होने के मापदंडों का पालन किया जाएगा। जिलास्तरीय समिति इन मापदंडों के आधार पर शिक्षक की पात्रता का मूल्यांकन करेगी।