Sita Mata Temple in Sri Lanka: भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार ने महाकाल कॉरिडोर का काम पूरा कर लिया है। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉरिडोर की शुरुआत करने उज्जैन भी आ रहे हैं। राम वन गमन पथ का काम भी तेज़ी से चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल डेढ़ साल के भीतर राम वन गमन पथ कॉरिडोर भी तैयार हो जाएगा। लेकिन भगवान राम की पत्नी सीता माता का मंदिर सालों बाद भी सात समंदर पार से बीजेपी सरकार की तरफ बड़ी उम्मीदों से देख रहा है।
Sita Mata Temple in Sri Lanka: दरअसल साल 2018 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने श्रीलंका में सीता माता का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। धर्मस्व मंत्री के नाते पीसी शर्मा अफसरों के डेलिगेशन के साथ श्रीलंका दौरे पर भी गए थे। तैयारी ऐसी थी कि मंदिर का डिजाइन और मास्टर प्लान इस तरह से बनाया गया कि अशोक वाटिका में बिताए क्षणों का न केवल ऐतिहासिक विवरण होगा, बल्कि पूरी जगह की लैंडस्केपिंग भी होगी। ये काम 12.8 हेक्टेयर जगह पर होना था। मंदिर बनने के बाद मप्र सरकार टूरिज्म के मद्देनजर उसका प्रचार-प्रसार करेगी। श्रीलंका से सीधे भोपाल के लिए दोनों देश रेगुलर फ्लाइट चलाएंगे। ताकि श्रीलंका के बौद्ध श्रद्धालू सांची के स्तूप घूम सकें और भारत के हिंदू श्रीलंका में सीता माता के मंदिर जा सकें।
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Sita Mata Temple in Sri Lanka: फिलहाल इस घोषणा को गुजरे तीन साल हो चुके हैं। लेकिन एक ईंट भी मंदिर में नहीं लग सकी है। दरअसल कांग्रेस के पहले साल 2012 में मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने भी श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने की घोषणा की थी,श्रीलंका के नुवारा की जिस अशोक वाटिका में रावण ने सीता माता को कैद करके रखा था। उसी जगह पर मंदिर बनाने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने भूमिपूजन भी किया था। भारत लौटने के बाद बीजेपी सरकार ने बाकायादा बैंग्लोर के आर्किटेक्टों को सीता मंदिर के डिजाइन का काम भी दिया था। डिजाइन भी तैयार हुआ लेकिन टेंडर नहीं हो सका।
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Sita Mata Temple in Sri Lanka: लिहाजा मामला अटक गया। अब मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर कह रही हैं कि श्रीलंका में आर्थिक तंगी के हालातों की वजह से काम शुरु नहीं हो सका है। लेकिन ये वादा भी कर रही हैं कि जल्द मंदिर के लिए काम तेज़ी से शुरु होगा। जाहिर है मध्यप्रदेश में मठ मंदिरों के नाम पर बीजेपी कांग्रेस अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश में है। अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। जिसके लिए सिर्फ 13 महीनों का वक्त बचा है। जाहिर है ऐसे में अब बीजेपी कांग्रेस को राम भी याद आएंगे और सीता भी।
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