हेरिटेज मदिरा बनाने के लिए सरकार देगी अनुदान, जानें क्या है हेरिटेज मदिरा और किसे मिलेगा लाइसेंस

heritage liquor: हेरिटेज मदिरा बनाने के लिए सरकार देगी अनुदान, जानें क्या है हेरिटेज मदिरा और किसे मिलेगा लाइसेंस

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  • Publish Date - August 5, 2022 / 10:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

heritage liquor: भोपाल। मध्य प्रदेश में महुए से बनी हेरिटेज मदिरा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई रियायतें देने की तैयारी कर रही है। अभी तक महुआ शराब निगेटिव लिस्ट से बाहर थी। उद्योग विभाग की निगेटिव लिस्ट (अपात्र सूची) मतलब इस लिस्ट में जितने भी सेक्टर होते हैं,उन्हें अनुदान नहीं दिया जाता। लेकिन अब महुआ शराब को अनुदान दिया जाएगा। इसमें शराब बनाने वाले स्व सहायता समूहों को एक साल तक वैट नहीं देना पड़ेगा। साथ ही 5 साल तक एक्साइज ड्यूटी में भी छूट मिलेगी। ताकि उन्हें औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन के तहत अनुदान मिल सके। इतना ही नहीं महुआ शराब बनाने के लिए सरकार ही लाइसेंस देगी।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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शराब बनाने के लिए ये जरूरी
heritage liquor: हेरिटेज मदिरा के लिए बन रही नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि महुआ से शराब बनाने वाले स्व सहायता समूहों को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा। सर्टिफिकेट के बिना कोई भी शराब नहीं बना पाएगा। इसके लिए हेरिटेज मदिरा के बन रही नीति में स्पष्ट किया गया है। इसके बिना वह शराब का निर्माण नहीं कर पाएगा।

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यहां उत्पादन की हुई शुरुआत
heritage liquor: उत्पादन इकाई की क्षमता भी कम से कम 500 लीटर प्रतिदिन होने की शर्त रहेगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पायलट के तौर पर आलीराजपुर और डिंडोरी में हेरिटेज मदिरा का उत्पादन प्रारंभ हो गया है, जिनका विक्रय टूरिज्म डिपार्टमेंट के होटल के बार आदि में किया जा रहा है। इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में अलग से वाइन शॉप खोली जाएगी। यह देशी-विदेशी शराब की दुकान से अलग होगी। फिलहाल ब्रांड में एकरूपता नहीं रहेगी। हर स्व सहायता समूह का अपना ब्रांड हो सकता है।

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नीति की अहम बातें

  • लाइसेंसिंग व्यवस्था स्पष्ट, आदिवासी स्व सहायता समूहों के अलावा किसी को यह लाइसेंस नहीं मिलेगा।
  • हर स्व सहायता समूहों की उत्पादन क्षमता और विक्रय को नियोजित करने के साथ उसके लिए अलग सिस्टम बनाना।
  • आबकारी नीति से अलग होगी हेरिटेज मदिरा की नीति।
  • हेरिटेज मदिरा की कीमत किसी भी स्थिति में देसी शराब से कम नहीं होगी।
  • बॉटलिंग जरूर 180 एमएल से लेकर अधिक हो सकेगी।
  • यह किसी भी शराब की दुकान देशी या विदेशी पर नहीं मिलेगी।

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