Amendment in meritorious student scheme: भोपाल। शिवराज सरकार अपनी लोकप्रिय मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में संशोधन करने जा रही है। मेधावी विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति उच्च शिक्षा में बाधक न बने, इसके लिए लागू की गई मेधावी विद्यार्थी योजना में सरकार संशोधन करेगी। इसमें अब यह प्रावधान किया जा रहा है कि एक बार योजना में शामिल होने पर यदि माता-पिता या पालक की वार्षिक आय 6 लाख रु से अधिक हो जाती है तो भी विद्यार्थी योजना के दायरे से बाहर नहीं होगा। डिप्लोमा करने के बाद इंजीनियरिंग या फार्मेसी पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में प्रदेश की संयुक्त केंद्रीयकृत प्रावीण्य सूची में प्रथम 15 प्रतिशत में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को भी योजना का लाभ मिलेगा।
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Amendment in meritorious student scheme: योजना में संशोधन के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय अगली कैबिनेट बैठक में होगा। शिवराज सरकार ने 2017-18 में मेधावी विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन का अवसर देंने के लिए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना लागू की थी।पहले इसमें यह प्रावधान था कि ऐसे विद्यार्थी, जिनके माता-पिता या पालक की वार्षिक आय छह लाख रु से अधिक होगी, उन्हें योजना का आगे लाभ नहीं मिलेगा। चार फरवरी 2020 को इसमें संशोधन करके यह व्यवस्था की गई कि आय यदि बढ़कर साढ़े सात लाख रुपये तक हो जाती है तो शुल्क का 75 प्रतिशत लाभ ही मिलेगा। इससे अधिक आय होने पर लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं रहेगी। इसके कारण कई विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने में परेशानी आने लगी।
Amendment in meritorious student scheme: कई कारणों से पढ़ाई में दिक्कत आने की वजह से मुख्यमंत्री ने योजना में संशोधन के निर्देश दिए थे। अब तय किया गया है कि एक बार योजना में शामिल होने वाले विद्यार्थी के लिए वार्षिक आय का बंधन नहीं रहेगा। इसके साथ ही राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से डिप्लोमा पाठ्यक्रम की परीक्षा 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक से उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी लेटरल एंट्री के माध्यम से इंजीनियरिंग या फार्मेसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते हैं तो वे योजना के पात्र होंगे। ऐसे विद्यार्थियों के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए जेईई मेंस रैंक की बाध्यता नहीं होगी।