Face To Face MP: मंदिर Vs मस्जिद..विवाद जारी..फिर 'कारसेवक' की तैयारी!, क्या वाकई मंदिर की जमीन पर मस्जिद स्थापित है? |

Face To Face MP: मंदिर Vs मस्जिद..विवाद जारी..फिर ‘कारसेवक’ की तैयारी!, क्या वाकई मंदिर की जमीन पर मस्जिद स्थापित है?

Face To Face MP: मंदिर Vs मस्जिद..विवाद जारी..फिर 'कारसेवक' की तैयारी!, क्या वाकई मंदिर की जमीन पर मस्जिद स्थापित है?

Edited By :   Modified Date:  September 27, 2024 / 09:39 PM IST, Published Date : September 27, 2024/9:39 pm IST

भोपाल। Face To Face MP: इतिहास रह-रहकर खुद को दोहराता है। अयोध्या का विवाद लंबी अदालती जंग के बाद सुलझ गया पर अपने MP में इसी तर्ज का एक नया विवाद इन दिनों सुर्खियों में है । मामला जबलपुर का है जहां कथित तौर पर मंदिर की जमीन पर मस्जिद खड़ी हो गई है। इसी बात पर हिंदू संगठन बखेड़ा खड़ा रहे हैं। बात यहां तक पहुंच गई है कि वो रातोंरात कारसेवा करने की चेतावनी तक दे रहे हैं। आखिर ऐसी स्थिति बनी क्यों और क्या ये सियासत का मामला है या विशुद्ध व्यवस्था का ?

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जबलपुर के रांझी थाना क्षेत्र के मढई इलाके में एक मस्जिद को लेकर तनाव के हालात हैं। गुरुवार 26 सितंबर को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस मस्जिद को हटाने के लिए कारसेवा करने की कोशिश की थी। विश्व हिंदू परिषद का आरोप है कि गायत्री बाल मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर इस मस्जिद बना है। प्रशासन ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को मामले की जांच और कार्यवाई का आश्वासन देकर फौरी तौर पर मामला शांत करवाया है, लेकिन हमने इसकी तह तक जाकर सच्चाई जानने की कोशिश की तो पता चला कि राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक मस्जिद जिस जगह पर बना है वो जमीन गायत्री बाल मंदिर और कोरी परिवार के नाम पर दर्ज हैं। इस जमीन के मालिक की तरफ से आज तक कोई शिकायत नहीं की गई है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने साल 2021 से मस्जिद की जमीन को अवैध बताकर और कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।

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Face To Face MP: एसडीएम कोर्ट ने साल 2022 में मस्जिद के एक्सटेंशन के चल रहे काम पर रोक लगा दी थी। इस रोक को जुलाई 2024 के आदेश के ज़रिए भी बरकरार रखा गया। इधर मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि जिसकी जमीन है उसे आपत्ति नहीं है, विश्व हिंदू परिषद किसी निजी संपत्ति पर कब्जे की शिकायत कैसे कर सकता है। IBC24 की टीम ने इलाके में गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट या उससे जुड़े लोगों को भी तलाशने की कोशिश की लेकिन ट्रस्ट का कोई भी दफ्तर, कोई भी ऩुमाइंदा हमें नहीं मिला। कोरी परिवार ने कैमरे के सामने ना आते हुए, अपनी किसी भी संपत्ति पर कब्जा ना होने की बात की है। विहिप का सवाल है कि अगर गायत्री बाल मंदिर नाम की संस्था का कोई सदस्य सामने नहीं आ रहा है तो क्या उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा। मामला बेहद संवेदनशील है लेकिन संवेदनशील मामलों को अगर सालों से लंबित रखा जाए तो हालात कैसे बिगड़ते जाते हैं इसे हालिया विरोध प्रदर्शनों से समझा जा सकता है।

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