Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में अशुद्धि की रिपोर्ट से पूरे देश में तहलका मच गया है। देश के करोड़ों लोगों की आस्था को इस स्याह सच ने झकझोर दिया है। देश का दिल मध्यप्रदेश अपने जागृत आस्था केंद्रों के लिए जाना जाता है। यहां के देवस्थानों में देश भर से श्रद्धालु आते हैं। मप्र के दिव्य धामों में प्रसाद की शुद्धता का आखिर कितना ध्यान रखा जाता है?
तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि, पिछले 5 साल में जगन मोहन सरकार ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। उधर, YSR कांग्रेस ने हाईकोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की है। कोर्ट 25 सितंबर को सुनवाई करेगा। इस पूरे घटनाक्रम से पूरे देश में संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
आंधप्रदेश के तिरुमाला स्थित तिरुपति मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना साढ़े 3 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए की कमाई करता है। हालांकि इस पूरे विवाद में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने मंदिर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी गई है। उधर केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है वहीं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस मामले में FSSAI जांच करेगा।
दरअसल, पिछले 50 साल से कर्नाटक KMF रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक AR डेयरी फूड्स के प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद प्रदेश में टीडीपी सरकार बनने पर उन्होंने प्रसादम की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। घी की जांच के लिए गुजरात नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। और इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश में हड़कंप मचा हुआ है। इसी रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब पूरे देश में प्रसाद की शुद्धता पर सवाल उठ रहे हैं और एमपी भी इससे अछूता नहीं है।