भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: सिंग्रामपुर में मोहन सरकार की बैठक कर एक साथ कई लक्ष्य साधने की कोशिश की है। एक तो अलग-अलग जगह कैबिनेट मीटिंग कर सत्ता और सरकार की मौजूदगी का एहसास पूरे प्रदेश की जनता को करा रहे हैं। दूसरी ओर रानी दुर्गावती की राजधानी में पहुंचकर उन्होंने आदिवासियों का गुडविल अर्न करने का एक बड़ा मौका निकाला है। जाहिर है मोहन सरकार की ये सियासत पूर्णतः लक्ष्यभेदी है। हालांकि सवाल यही है कि आदिवासी सरकार के इस भावनात्मक जेस्चर पर किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे मंत्रिमंडल और सीनियर अफसरों के साथ दमोह के सिंग्रामपुर में कैबिनेट की अहम बैठक की कैबिनेट की ये बैठक रानी दुर्गावती के सुशासन, उनकी कार्यकुशलता और महिलाओं के सशक्तिकरण से प्रेरित है। जब कैबिनेट की बैठक एक ओपन एरिया में की जा रही है, जो रानी दुर्गावती के समय की स्थापत्य कला से प्रेरित है। इस बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए जिसमें ये तय किया गया कि एमपी में दशहरा इस बार अहिल्याबाई के नाम मनाया जाएगा। कैबिनेट ने जैन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।
Face To Face Madhya Pradesh: इधर कांग्रेस ने इसे केवल एक इवेंट बताया और कहा कि आदिवासियों की स्थिति प्रदेश में लगतार कमजोर होती जा रही है और उनकी उपेक्षा हो रही है। डेस्टिनेशन कैबिनेट मीटिंग कर सरकार जनता के करीब जाने की कोशिश कर रही है और ये संदेश देने का प्रयास भी कर रही है कि उनके बीच रहकर ही नीतियों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस इसे कोरी सियासत बता रही है।