भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने हिन्दुओं को एक करने के लिए छतरपुर से ओरक्षा तक सनातन एकता हिन्दू पदयात्रा निकाली, जिसमें बीजेपी कांग्रेस के नेताओं के साथ फिल्म स्टार और सेलिब्रिटी भी पैदल चले और हिन्दुओं को एक करने की बात दोहराई, लेकिन यात्रा के आखिरी दिन सनातन के दो ध्वजवाहक एक दूसरे को ही कोसने लगे। सनातन एकता हिन्दू पदयात्रा के मंच से ही शंकराचार्य को दहशतगर्द बता दिया गया, जो कांग्रेस इस यात्रा पर बच बच कर बोल रही थी उसने कहना शुरू कर दिया धीरेंद्र शास्त्री बीजेपी के इशारों पर चल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि सवाल, सनातन पदयात्रा का सियासी सार क्या हैं? क्या हिंदुत्व की आंच को तेज करने में कामयाब रही ये यात्रा? क्या उग्र हिंदुत्व का सियासी मॉडल फिर लौट रहा है? क्या बाबा बागेश्वर हिंदू राजनीति के नए पोस्टर ब्वॉय बन गए हैं? क्या मप्र हिंदुत्व वाली सियासत की नई प्रयोगशाला है?
बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान अमूमन सुर्खियों में रहते हैं। भले ही उनके बयान दूसरी कौम को क्यों ना चुभते हों। 21 नवंबर को छतरपुर के बागेश्वर धाम से शुरु हुई बाबा की सनातन हिंदू एकता यात्रा पर विवाद भी जमकर हुए। बावजूद इसके बाबा अपनी धुन में अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ते रहे। एजेंडा भी वही सनातन जिसका सीधा रिश्ता बीजेपी से है। जाहिर है बाबा खुद को बीजेपी से अलग बताते हैं, लेकिन विपक्षी दल उन्हें बीजेपी और संघ का मोहरा बताकर खुद को बाबा के एजेंडे से दूर कर लेते हैं। वो भी तब जब देश की सियासत ही हिंदू वोटों के इर्द गिर्द घूमती हो खैर,कांग्रेस ये दावा करती है कि वो तोड़ने की नहीं जोड़ने की राजनीति करती है, जबकि बीजेपी के इशारों पर बाबा बागेश्वर समाज का ताना बाना बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, 21 नवंबर से शुरु हुई बाबा बागेश्वर की यात्रा पर जमकर सियासी हमले भी हुए। यात्रा को बैन करने की वकालत भी हुई, लेकिन यात्रा लाखों लोगों को जोड़ते हुए आगे बढ़ती रही। बाबा बागेश्वर की यात्रा में सेलिब्रिटिज़ और नेताओं का मजमा लगता रहा। कांग्रेस के नेता भी पार्टी का झंडा दफ्तर में छोड़कर बाबा की यात्रा में शामिल हुए। खुद दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने बाबा की यात्रा में हिस्सा लिया। बाबा बागेश्वर ने भी अपनी सनातन हिंदू एकता यात्रा के दौरान चादर-फादर,बांग्लादेश,वक्फ बोर्ड,मुल्ला मौलवियों,अजमेर दरगाह शरीफ से लेकर हर उस मसले को उठाया जिस पर चर्चा करने से भी कांग्रेस घबराती है। जाहिर है ऐसे कांग्रेस ना सिर्फ बाबा बागेश्वर के समर्थकों के निशाने पर है बल्कि उसकी धुर विरोधी पार्टी को भी कांग्रेस की घेराबंदी करने का बड़ा मौका मिल गया है।
Face To Face Madhya Pradesh: फिलहाल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यात्रा का आज समापन हो गया है, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने इस यात्रा के जरिए अपनी ताकत का एहसास दुनियाभर को करा दिया है। शास्त्री ने इस यात्रा के जरिए हिंदू वोटों की सियासत करने वालों को चुनौती दी है बल्कि संत समाज को भी इशारों में ही ओपन चैलेंज दे दिया है। जाहिर है अब सबकी निगाहें बाबा की मथुरा से निकलने वाली यात्रा पर टिकी हैं।