भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: जबलपुर में गरबा में डीजे के इस्तेमाल, मॉडर्न पोशाक और डांस के विरोध में हिंदू संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। उनका तर्क है कि गरबा शुद्ध भक्ति भाव के साथ किया जाना चाहिए, जहां ऐसा न हो। उसे बैन किया जाए। इस विरोध को मोरल पुलिसिंग मानें या फिर संस्कृति को लेकर संवेदनशीलता ? दूसरी ओर ग्वालियर में बांग्लादेश से साथ होने वाले क्रिकेट मैच का हिंदू महासभा ने विरोध किया है। क्या इसे मध्यप्रदेश में पनपती नए किस्म की हिंदू आक्रामकता के उदाहरण के रूप में देखा जाए। इन दोनों घटनाओँ की रोशनी में जो तस्वीर उभर रही है। उस पर बहस जरूरी हो गया है।
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एमपी में इन दिनों हिंदूवादी संगठनों के रूख ने प्रदेश की जनता के साथ-साथ सरकार को भी थोड़ा असहज कर दिया है। एक तरफ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने नवरात्रि में गरबों के आयोजन को लेकर नई मांग कर दी है और कहा है कि गरबों में आधार कार्ड देखकर एंट्री दी जाए ताकि गरबों में हिंदुओं के अलावा किसी दूसरे धर्म के लोग ना सकें। जबलपुर में सभी 42 प्रखंडों और सभी पुलिस थानों में विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा आधार कार्ड देखकर एंट्री के अलावा अश्लीलता रोकने, फूहड़ फिल्मी गानों और अशोभनीय कपड़े रोकने की मांग भी की गई।
इधर ग्वालियर में होने वाले भारत बांग्लादेश टी-20 मैच को रद्द करने कराने के लिए मांग को लेकर हिंदू महासभा ने 6 अक्टूबर को ग्वालियर बंद की घोषणा की है। चूंकि भारत बांग्लादेश टी-20 मैच के सभी टिकट एक दिन की ऑनलाइन बिक्री में बिक गए है। ऐसे में हिंदू महासभा का कहना है, जिन लोगों ने टिकट खरीदा है, वह लोग देशद्रोही है।
Face To Face Madhya Pradesh: इधर कांग्रेस ने गरबे को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन के पालन होने की बात दोहराई है, तो बांग्लादेश मामले में सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं, जबकि बीजेपी ने सरकार का पक्ष साफ कर दिया। कुल मिलाकर एमपी में एक बार फिर से गरबे को लेकर बयानबाजी शुरू हो चुकी है। बांग्लादेश से होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर तनातनी पहले से होती, लेकिन सरकार के ये कहने के बाद कि मैच तो होगा। हिंदू संगठन आगे कैसा रूख अपनाते है। ये देखना दिलचस्प होगा।