Face To Face Madhya Pradesh: 'कुर्सी' का गणित निशाने पर शेष सीट', जानें किस इलाके में बीजेपी की कितनी सीट? |

Face To Face Madhya Pradesh: ‘कुर्सी’ का गणित निशाने पर शेष सीट’, जानें किस इलाके में बीजेपी की कितनी सीट?

Face To Face Madhya Pradesh: 'कुर्सी' का गणित निशाने पर शेष सीट', जानें किस इलाके में बीजेपी की कितनी सीट?

Edited By :   Modified Date:  July 8, 2024 / 10:03 PM IST, Published Date : July 8, 2024/10:03 pm IST

Face To Face Madhya Pradesh:  एमपी में मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। कांग्रेस से बीजेपी में आए रामनिवास रावत अब मोहन सरकार में मंत्री बन गए हैं।  इधर तकरीबन आधा दर्जन बीजेपी विधायकों को उम्मीद थी कि उनका नंबर लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, लेकिन वो नाउम्मीद नहीं हुए हैं। मोहन सरकार में अब भी 3 मंत्री पद खाली हैं, लेकिन सवाल ये है कि इन 3 पदों पर बीजेपी के पुराने विधायकों को जगह मिलेगी ? या फिर कांग्रेस से आए नेता ही रेस जीत जाएंगे ? और अब कांग्रेस कह रही है कि बीजेपी अपने दरी उठाने वाले नेताओं को ठेंगा दिखा रही है तो एमपी के इस नए समीकरण में कौन फिट है और कौन इस सियासी गोले की धूरी से दूर चला गया है।

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दरअसल, महीनेभर पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में आए रानिवास रावत आखिरकार मंत्री बन गए, लेकिन रावत के अकेले मंत्री बनने से बीजेपी के कई सीनियर विधायकों को तगड़ा झटका लगा है क्योंकि गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, अर्चना चिटनिस, अजय विश्नोई, जयंत मलैया, सीताशरण शर्मा, गिरीश गौतम, ललिता यादव, प्रभुराम चौधरी, हरिशंकर खटीक, रमेश मेंदोला, शैलेंद्र जैन  सरीखे दिग्गजों को उम्मीद थी कि उन्हें भी मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह मिलेगी। वहीं बीजेपी ने मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा तवज्जो मालवा को दी है।

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मालवा से फिलहाल 9 मंत्री हैं। रावत को मिलाकर ग्वालियर चंबल से अब 6 मंत्री हो गए हैं। बुंदेलखंड,महाकोशल,मध्य और विंध्य से मोहन कैबिनेट में 4-4 मंत्रियों को ही मौका दिया गया है। जबकि सीटों की बात करें तो मालवा की 66 सीटों में से बीजेपी के 48 विधायक जीते हैं। ग्वालियर चंबल की 34 सीटों में से बीजेपी के 19 विधायक जीते,बुंदेलखंड की 26 सीटों में से 17 सीटों पर बीजेपी जीती, विंध्य में 30 सीटों में से 24 सीटें मिली बीजेपी को, मध्य में 36 सीटों में से 31 बीजेपी विधायक जीते हैं। जाहिर है कांग्रेस नेता बीजेपी पर तंज कसते हुए ये दावा कर रहे हैं कि बीजेपी में कांग्रेस से आए लोगों को सम्मान मिल रहा है जबकि दरी उठाने वालों को ठेंगा दिखाया जा रहा है।

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जाहिर है बीजेपी में दिग्गज अब भी नाउम्मीद नहीं हुए हैं। क्योंकि इस वक्त मध्यप्रदेश में मोहन यादव को मिलाकर 31 मंत्री हो चुके हैं यानी नियम के मुताबिक 3 मंत्री और बनाए जा सकते है। अब कांग्रेस को ज़रुर बीजेपी सरकार की घेराबंदी का मौका मिल गया है। रावत के शपथ में हुई चूक पर कांग्रेस नेताओं को घेराबंदी का मौका मिल गया है, जबकि रावनिवास रावत और सीएम का कहना है कि कांग्रेस क्या कहती है। इसका सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता।

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Face To Face Madhya Pradesh:  दरअसल बीजेपी में कांग्रेस नेताओं के शामिल होने की लहर ने पार्टी के भीतर भी कई नए समीकरणों को जन्म दिया है। सवाल ये है कि तमाम बड़े और सीनियर नेताओं को तरकिनार कर कांग्रेस से आए नेता को मंत्री बनाने देने से बीजेपी के अंदर नाराजगी बढ़ेगी ? और सवाल ये भी है कि बचे हुए 3 मंत्री पद पर किसकी ताजपोशी होगी ? क्या पुराने बीजेपी विधायकों को मौका मिलेगा या फिर कांग्रेस से आए नेताओं को ही मौका मिलेगा। एमपी के इस नए दौर के सियासत में कुछ नए समीकरण बन रहे है कुछ पुराने समीकरण ध्वस्त हो रहे हैं। इस नए सियासी वृत्त में कौन गोले के अंदर आ पाता है और कौन धुरी से दूर रह जाता है। ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा।

 

 

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