Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। मोहन सरकार MP में पहली बार आदिवासियों की बटालियन बनाने जा रही है। इसके अलावा मोहन कैबिनेट की अगली मीटिंग आदिवासी अस्मिता की ध्वजवाहक रहीं रानी दुर्गावती की राजधानी में होगी। यानी बीजेपी सरकार ने पॉलिटिकल गियर शिफ्ट कर दिया है। ये एक अहम स्ट्रैटजिक मूव है, इसके लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म इफेक्ट प्रदेश की राजनीति में जरूर देखने को मिलेंगे। लेकिन, इसे कांग्रेस झुनझुना क्यों बता रही है?
एमपी में अब आदिवासियों को बढ़ावा देने के लिए आज मोहन सरकार ने कई अहम फैसले लिए, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला ये था कि प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के लिए बटालियन बनेगी। पुलिस, सेना और होमगार्ड में भर्ती के लिए युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। CM ने युवाओं को रोजगार और सेवा से जोड़ने PGVT बटालियन बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इधर 5 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक को भी रानी दुर्गावती को समर्पित किया और फैसला लिया कि, रानी दुर्गावतीी की राजधानी सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक होगी।
सरकार, आदिवासियों के प्रतीक चिन्हों, उनकी संस्कृति और उनके वर्ग के विकास के लिए कई फैसले ले रही है। लेकिन, कांग्रेस का कहना है कि एमपी में आदिवासियों के साथ अन्याय बढ़ा है। कुल मिलाकर सरकार प्रदेश की 22% आबादी को समाज के मुख्यधारा में लाने में जुटी है। विपक्ष के अपने तर्क हैं और वो बीजेपी सरकार को आदिवासी विरोधी बता रही है। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के इन फैसलों से आदिवासियों की जिंदगी में कितना बेहतर बदलाव आता है।