भोपाल।Face To Face Madhya Pradesh: रतलाम में कुछ किशोरों के बीच आपस में झगड़ा होता है जैसा कि आमतौर पर हो जाता है। इसी दौरान बचकाने ढंग से अल्लाह और जय श्रीराम का जिक्र भी आ गया। इसी को लेकर ये कहा जा रहा है कि कथित तौर पर मुस्लिम बच्चों से जबरन जय श्री राम बोलवाया गया ये मोहल्ले की लड़ाई थी। वहीं सुलझ सकती थी पर सियासी नेताओं के कूदने से ये तिल से ताड़ बन गई अब इसे अल्पसंख्यक उत्पीड़न और कट्टरता से जोड़कर पेश किया जा रहा है, लेकिन सच में क्या ये ऐसा ही मुद्दा है?
वीडियो में दिख रहे ये बच्चे नाबालिग हैं। फिलहाल मारपीट करने वाले नाबालिग बच्चों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस पूरे मामले पर देशभर में सियासत गरमा रही है। खासकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्जिता मुफ्ती के विवादित बयान के बाद दरअसल मुफ्ती ने रतलाम के वायरल वीडियो के जरिए एक्स पर लिखा है।
भगवान राम को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए औऱ असहाय होकर देखना चाहिए कि कैसे नाबालिग मुस्लिम लड़कों को सिर्फ इसलिए पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने उनका नाम लेने से मना कर दिया। हिंदुत्व एक ऐसी बीमारी है जिसने लाखों भारतीयों को ग्रसित कर रखा है और भगवान राम के नाम को कलंकित कर दिया है।
वहीं कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के रतलाम मामले पर राज्यसभा में चर्चा करने की मांग का समर्थन अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी कर रहे हैं।
Face To Face Madhya Pradesh: जाहिर है रतलाम की घटना पर मचे सियासी बवाल पर बीजेपी चुप कैसे बैठेगी। वो भी तब जब इस मुफ्ती औऱ ओवैसी के बाद कांग्रेस कूद गई हो। बीजेपी ने दावा है कि देश का माहौल खराब करने में कांग्रेस का हाथ है। मुफ्ती और ओवैसी के ट्वीट पर भी बीजेपी कह रही है कि देश के अमन चैन वाली फिजा में जहर घोलने का काम इमरान प्रतापगढ़ी,मुफ्ती औऱ औवैसी जैसे लोग कर रहे हैं। फिलहाल रतलाम मामले में जमकर सियासत गर्म है। कांग्रेस संसद में चर्चा के जरिए इस मुद्दे को देश का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, उधर बीजेपी भी जानती है कि कांग्रेस के बनाए इस मुद्दे का माइलेज उनको ही मिलेगा।