Face To Face Madhya Pradesh: अतिथि शिक्षकों की हुंकार...अब क्या करेगी सरकार?, नियमितीकरण की मांग पर सरकार का रूख क्या है? |

Face To Face Madhya Pradesh: अतिथि शिक्षकों की हुंकार…अब क्या करेगी सरकार?, नियमितीकरण की मांग पर सरकार का रूख क्या है?

Face To Face Madhya Pradesh: अतिथि शिक्षकों की हुंकार...अब क्या करेगी सरकार?, नियमितीकरण की मांग पर सरकार का रूख क्या है?

Edited By :   Modified Date:  October 2, 2024 / 09:21 PM IST, Published Date : October 2, 2024/9:21 pm IST

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: एमपी में अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग पर अड़ गए हैं। उनका उग्र प्रदर्शन सरकार के लिए चेतावनी है। दूसरी ओर जीतू पटवारी ने भी उनके प्रदर्शन में शामिल होकर आग में घी डालने का काम कर दिया है। इससे पहले सरकार के ही मंत्री ने अतिथि शिक्षकों पर तंज कर उन्हें नाराज कर दिया था। अब सवाल ये है कि सरकार क्या करेगी। क्या शिक्षकों वो मना पाएगी..या इसका फायदा विपक्षी कांग्रेस उठा ले जाएगी ?

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सड़क पर नजर आने वाली ये भीड़ किसी राजनीतिक दल के कार्यक्रम की नहीं, दरअसल ये भीड़ अतिथि शिक्षकों की है जो लंबे समय से अपने नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे हैं। सैंकड़ों की संख्या में अतिथि शिक्षक जब राजधानी भोपाल पहुंचे और सड़क पर जम गए तो अतिथि शिक्षकों के मुद्दों पर सियासी पारा भी गरमा गया है। अब शिवराज केंद्रीय कृषि मंत्री बनकर दिल्ली चले गए है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों को शिवराज को घोषणा वर्तमान सरकार को याद दिलानी पड़ रही है और उसका कारण है मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग का एक आदेश जिसमे कहा गया है कि, अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित नहीं किया जायेगा उन्हें सीधी भर्ती में 25 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।

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Face To Face Madhya Pradesh: अतिथि शिक्षक आंदोलन पर सड़क पर बैठे तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी उनके बीच पहुंच गए। पटवारी ने अतिथि शिक्षकों की मांगों को सड़क से सदन तक उठाने के आश्वासन दिया तो सरकार से इस मुद्दे पर जवाब भी मांगा है। वहीं, सत्तापक्ष बीजेपी ने अतिथि शिक्षकों की मांगों पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है। फिलहाल, भोपाल की सड़कों पर अपनी मांगों पर जमे अतिथि शिक्षक हटते नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं सत्तापक्ष मामला न्यायालय में होने की बात कर रहे हैं। ऐसे में, ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि, प्रदेशभर के 70 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों की मांगों पर निराकरण किस तरह हो पाता है।

 

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