Face To Face Madhya Pradesh: कटघरे में ‘गीता महोत्सव’..क्या वाकई ये तुष्टिकरण है? गीता महोत्सव के आयोजन पर कांग्रेस को एतराज क्यों ?

Face To Face Madhya Pradesh: कटघरे में 'गीता महोत्सव'..क्या वाकई ये तुष्टिकरण है? गीता महोत्सव के आयोजन पर कांग्रेस को एतराज क्यों ?

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  • Publish Date - November 16, 2024 / 09:52 PM IST,
    Updated On - November 16, 2024 / 09:52 PM IST

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh:  मध्यप्रदेश में गीता महोत्सव का आयोजन हो रहा है, जिसमें राज्य सरकार की भी सहभागिता है, लेकिन कांग्रेस को इस पर एतराज है। उसका आरोप है कि हिंदुओं के तुष्टिकरण कर रही है बीजेपी सरकार । इस आरोप ने एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। ऐसे में सवाल ये कि आखिर तुष्टिकरण हो किसका रहा है। आज इसी मुद्दे पर फेस टू फेस करेंगे।

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मध्यप्रदेश में गीता महोत्सव पर सियासत शुरु हो गयी है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के ऐलान के बाद गीता मोहत्सव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार तुष्टिकरण के एजेंडे पर काम कर रही है सिर्फ इसलिए की बहुसंख्यक आबादी का भरोसा जीत सकें।कांग्रेस नेता बीजेपी सरकार के ऐलान के बाद उन्हें संविधान और धर्मनिर्पेक्षता की शपथ भी याद दिला रही है। कांग्रेस कह रही है कि सरकार हिंदू एजेंडे के बजाए किसी ऐतिहासिक विषय पर प्रतियोगिता कराती तो बेहतर होता।

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जाहिर है कांग्रेस का ये विरोध बीजेपी को बर्दाश्त नहीं होने वाला बीजेपी नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस का ये स्टैंड नया नहीं है,कांग्रेस इससे पहले भी अपने इन्हीं बयानों के लिए अपना नुक्सान करवा चुकी है। बीजेपी के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि बीजेपी सरकार सनातन के रास्ते पर चल रही है, जबकि कांग्रेस राम विरोधी,कृष्ण विरोधी और सनातन विरोधी पार्टी है।

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Face To Face Madhya Pradesh:  दरअसल, बीजेपी सरकार इस्कॉन सोसायटी के साथ मिलकर श्रीभगवदगीता पर आधारित ऑनलाइन वैल्यू एजुकेशन कॉन्टेस्ट करवाने जा रही है, जिसकी ईनामी राशि एक लाख रुपए है। हालांकि इस कॉन्टेस्ट में किसी भी धर्म का छात्र हिस्सा ले सकता है। बावजूद इसके भी कांग्रेस ने गीता कॉन्टेस्ट के जरिए बीजेपी की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


 

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