भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: इंदौर में महिला डॉक्टर से दुर्व्यवहार मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस घटना ने अस्पतालों के अंदर के सुरक्षा तंत्र और व्यवस्था को उजागर कर दिया है। ये भी बता दिया है कि कोलकाता कांड के शोर के बाद भी जमीन पर कुछ नहीं बदला है। अस्पतालों में महिला डॉक्टर अब उतने ही असुरक्षित हैं।
क्या इंदौर के MY अस्पताल में कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज वाली स्थिति बन सकती थी? ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि इंदौर के MY अस्पताल में देर रात ड्यूटी में मौजूद महिला डॉक्टर ने एक अटेंडर पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि नशे में धुत अटेंडर ने जोर-जोर से दरवाजा खटखटाया। जिससे वो डर गईं और उस समय वहां कोई सिक्योरिटी गार्ड मौजूद नहीं थे।
IBC24 पर इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद मामले की लिखित शिकायत हुई और जांच समिति का गठन किया गया। जो 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। मामले में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने ये कहकर सनसनी फैला दी कि घटना में विभागीय व्यक्ति की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है।
इंदौर कमिश्नर और कलेक्टर MY अस्पताल भी पहुंचे। अस्पताल के उन ग्रे एरियाज को भी जानने की कोशिश की जहां CCTV की पहुंच नहीं है और फिर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक अहम बैठक भी की है। हालांकि आरोपी के परिजनों का कहना है कि अटेंडर नशा करता ही नहीं है और वो नशे में नहीं था।
Face To Face Madhya Pradesh: कुल मिलाकर MY अस्पताल में महिला डॉक्टर के आरोप से लगता है कि कोलकाता में हुए उस विभत्स घटना से हमने कोई सीख नहीं ली है। IBC24 ने जब प्रमुखता से इस खबर को दिखाया तब जाकर जिम्मेदारों की नींद टूटी है। अगर अस्पताल जैसे पब्लिक प्लेस में जनता तो जनता डॉक्टर ही सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं तो फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना तो बनता ही है।