लंबे वक्त बाद यह नजारा दिखाई दिया जब कांग्रेस के सभी गुटों के नेता एक साथ दिखे। मौका था छोटी बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार के खिलाफ भोपाल में कांग्रेस के एक दिवसीय उपवास का। हालांकि पूर्व सीएम कमलनाथ महज कुछ देर ही रुके। बुधनी और विजयपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले की ये तस्वीर कांग्रेस के लिए सुकून देने वाली है। चुनाव से पहले जिन दिग्गजों के हाथ में कमान थी। नतीजों के बाद आलाकमान ने उसे जीतू पटवारी और उमंग सिंघार को थमा दिया। तब से लगातार राजनीतिक हलकों में ये सुर्खियां बनती रहीं कि गुटों में बंटी कांग्रेस अभी भी पुराने ढर्रे पर ही है। ऐसे में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मुद्दे पर जब पार्टी दिग्गज एक साथ जुटे तो बीजेपी ने तंज किया कि प्रदर्शन तो बहाना है, मकसद तो अपना-अपना पद बचाना है।
Face To Face Madhya Pradesh: जवाब कांग्रेस की ओर से भी उसी अंदाज़ में आया।पार्टी नेताओं ने कहा कि, कांग्रेस में सब एकजुट हैं, बल्कि भाजपा अलग-अलग गुटों में बटी है। बहरहाल, कांग्रेस ने इस मौके का इस्तेमाल एक तीर से दो निशाने साधने के तौर पर किया। पहला तो ये कि सत्तारूढ़ पार्टी की कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की कोशिश और दूसरा ये कि पार्टी में पूरी एकजुटता है और वो पूरे दमखम के साथ उपचुनाव लड़ने जा रही है।