भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश की राजनीति आज एक बार फिर दलित प्रताड़ना के इर्द-गिर्द घूमती दिखीकुछ दिनों पहले दलित युवक के कथित उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस आक्रामक रही । अब फिर एक मामले पर कांग्रेस ने शोर मचाया है और सरकार को सीधे तौर पर आरोपित किया है। क्या ये वाकई लॉ एंड ऑर्डर की खामी का नतीजा है या केवल दलित एंगल लाकर मामले को सियासी रंग देने की कोशिश है और सवाल ये भी कि इस कोशिश में कितनी कामयाब हुई है कांग्रेस?
शिवपुरी में एक दलित किसान की सरपंच और उसके बेटों ने पीट-पीट के मार डाला। फिर राजगढ़ के तलेन थाना क्षेत्र में रहने वाले एक दलित युवक की मौत और अब बीती रात परिजनों ने शव को थाने में रखकर जमकर हंगामा किया और न्याय की मांग की परिजनों का कहना है कि मजदूरी को लेकर मृतक युवक राहुल का गांव के दो लोगों राकेश और अर्जुन पाटीदार से विवाद हुआ था, विवाद के बाद दोनों ने उसे पीटा और जब अपनी शिकायत लेकर पीड़ित थाने पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने भी उसे पीट दिया। घटना के बाद गुरुवार को राहुल के पेट में अचानक दर्द हुआ और बाद में शाजापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
Face To Face Madhya Pradesh: वहीं मामले में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि, BJP सरकार में दलित, आदिवासियों का जीना मुश्किल हो गया है। पूर्व PCC चीफ अरुण यादव ने कहा कि, FIR के लिए परिजनों को धरने पर बैठना पड़ रहा है। वहीं बीजेपी ने मामले में सफाई देते हुए कहा है कि मोहन सरकार में अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे। विपक्ष जहां सीधे इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार बता रही है और सरकार पर सवाल खड़े कर रही है तो वहीं मौत से पहले दलित युवक का वीडियो पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है । अब सवाल ये हैं कि जिनके उपर कानून वय्वस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी है जब वहीं आरोपों के कठघरे में खड़े होंगे तो आम आदमी क्या करें और न्याय की गुहार किससे लगाए।