भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: एमपी में होने वाले गरबा कार्यक्रम में केवल हिंदुओं को कैसे एंट्री मिले ? और गैर हिंदूओं को कैसे गरबा में प्रवेश न मिले ?इस पर सियासी बयानबाजी शुरू हो चुकी है और इसके लिए तरह-तरह के सुझाव भी आने लगे हैं और इसी कड़ी में सुझाव मिल रहे हैं कि गरबे में एंट्री से पहले सभी को गौमूत्र पिलाया जाए ताकि कोई गैर हिंदू पंडाल के अंदर न जा सके तो इसी पर करेंगे बहस कि तमाम पहचान पत्र होने के बावजूद क्या गौमूत्र पिलाकर ही ये पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति हिंदू है या नहीं ?
हिंदू पंचाग से अनुसार इस साल नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होनी है। तमाम व्यवस्थाओं के अलावा हिंदू संगठनों और खासकर बीजेपी को इस बात की चिंता भी सता रही है कि नवरात्रि में होने वाले गरबा कार्यक्रम में किसी दूसरे धर्म के लोग और खासकर मुस्लिम धर्म के लोग न प्रवेश कर लें। अब चिंता इतनी व्यापक है तो सुझाव भी भांति-भांति के आ रहे हैं।
कोई कह रहा है कि आधार कार्ड दिखाकर एंट्री मिल तो कोई कह रहा है कि चेकिंग के लिए विशेष टीम का गठन किया जाए, लेकिन इंदौर में बीजेपी के जिला अध्यक्ष महोदय ने जो सलाह दी है उसने सुझावों की इस फहरिश्त में अपना एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है। बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने सलाह दी है कि गरबा पंडालों में आने वाले हर व्यक्ति को गौ मूत्र पिलाई जाए जिससे गरबा में एंट्री लेने वाले गैर-हिंदू अंदर नहीं जाएंगे क्योंकि जो हिंदू होगा उसे गौ मूत्र पीने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
Face To Face Madhya Pradesh: विवाद बढ़ा तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसे चिंदू वर्मा का निजी बयान बता दिया। कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को किसने ये अधिकार दिया कि वो लोगों को हिंदू होने का सर्टिफिकेट देंगे। दूसरे धर्म के लोगों को गरबा में कैसे रोका जाए। तमाम मुद्दों के अलावा एमपी में इस वक्त ये भी एक बड़ा मुद्दा है और इसके लिए बीजेपी के कई नेता सुझाव भी दे रहे हैं। सवाल ये भी है कि क्या गौमूत्र पीना हिंदू होने का सर्टिफिकेट है ? और सवाल ये भी है कि अनेक तरह के पहचान पत्र होने के बावजूद बीजेपी को फिल्टर करने के लिए गौ मूत्र को ही क्यों चुनना पड़ा ?
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7 hours ago