भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: जीतू पटवारी के लिए बीजेपी से लड़ना जितना मुश्किल है। शायद उससे ज्यादा मुश्किलात अपने सीनियर नेताओं से तालमेल बैठाने में है। पटवारी अध्यक्षीय कार्यकाल में पहली बार एक बड़ी बैठक हुई, जिसमें पार्टी के केंद्रीय प्रतिनिधि ने भी शिरकत की पर इसी बैठक में बड़े नेताओं ने शामिल होना गंवारा नहीं किया। जाहिर तौर पर पटवारी की कप्तानी उन्हें पच नहीं रही है। अब सवाल ये है कि जब खुद ही पार्टी अंदरुनी तौर पर इस कदर बंटी हुई हो तो सत्तारूढ़ दल से आखिर वो कैसे लड़ पाएगी?
MP कांग्रेस के पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के मेंबर बंद कमरे में कांग्रेस की मजबूती पर चर्चा कर रहे थे,उधर कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कांग्रेस कमेटी की नियुक्तियों के खिलाफ ही नाराज़ कांग्रेसी नारेबाजी कर रहे थे। बैठक के अंदर कांग्रेस के दिग्गजों की गैरमौजूदगी को लेकर बाकी सदस्यों में सनसनी थी। तमाम सदस्य ये जानना चाह रहे थे कि (ग्राफिक्स इन) कमलनाथ,दिग्विजय सिंह,उमंग सिंघार,अजय सिंह राहुल,अरुण यादव,डॉ गोविंद सिंह,कमलेश्वर पटेल,नकुलनाथ,फूल सिंह बरैया,शोभा ओझा,आरिफ मसूद,तरुण भनोट,प्रवीण पाठक,सत्यपाल सिंह सिकरवार,मीनाक्षी नटराजन (ग्राफिक्स आउट) सरीखे दिग्गज कांग्रेस की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी की बैठक से क्यों गैरहाजिर रहे, जाहिर है इन्हीं सवालों का जवाब देते वक्त बैठक के भीतर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भावुक हो गए। हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि कार्यकारिणी की नियुक्तियों को लेकर अब कोई नाराज़गी नहीं है। बड़े नेताओं ने बैठक में शामिल नहीं होने का स्पष्टिकऱण उन्हें पहले ही दे दिया है।
जाहिर है कांग्रेस अपनी गुटबाजी छिपाने की पूरी कोशिश करेगी। बैठक से बाहर निकले हर नेता ने ये कहा कि फिलहाल कांग्रेस में ऑल इज़ वेल है। नयी कांग्रेस दम खम के साथ काम करेगी। गांव-गांव में मोहल्ला कमेटियां बनेंगी। हर 40 घरों पर कांग्रेस के एक कमिटेड कार्यकर्ता तैनात रहेगा, लेकिन क्या वाकई कांग्रेस जो दिखा रही है वो सच है, क्योंकि दर्जनभर बड़े नेताओं का एक साथ पार्टी की सबसे बड़ी में बैठक में ना पहुंचना कांग्रेस की सियासी सेहत के लिए ठीक संकेत नहीं है। फिलहाल कांग्रेस की गुटबाजी पर बीजेपी चुटकी ले रही है।
Face To Face Madhya Pradesh: ये कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस की बैठकों में बड़े नेताओं ने अपने सियासी वजूद का एहसास पार्टी को ना कराया हो, लेकिन उमंग सिंघार,अजय सिंह,गोविंद सिंह,फूल सिंह बरैया,कमलेश्वर पटेल,तरुण भनोट सरीखे नेताओं ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को इशारों में ही खुली चुनौती दे दी है। फिलहाल पीसीसी चीफ के सामने ना सिर्फ बीजेपी बड़ी चुनौती के तौर पर है बल्कि खुद अपने भी पटवारी के सामने कम चुनौती नहीं हैं।