Face To Face Madhya Pradesh

Face To Face Madhya Pradesh: ‘कांग्रेस में कितने ठेकेदार’.. बीजेपी का नया वार! क्या Congress की विचारधारा पर हावी है वैमपंथी ..?

Face To Face Madhya Pradesh: 'कांग्रेस में कितने ठेकेदार'.. बीजेपी का नया वार! क्या Congress की विचारधारा पर हावी है वैमपंथी ..?

Edited By :   Modified Date:  October 9, 2024 / 09:06 PM IST, Published Date : October 9, 2024/9:06 pm IST

Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। हरियाणा के चुनावी नतीजों को आए 24 घंटे से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। मगर सियासी घमासान थमने की जगह और तेज हो गया है। अब बीजेपी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। प्रदेशों के बड़े नेताओं के नाम गिनाते हुए कहा है कि इन्हें ठेके पर राज्य दे दिए गए हैं। यानी कांग्रेस फ्रेंचाइजी सेटअप पर चल रही है। ये भी आरोप लगा है कि, वामपंथी माइंडसेट वाले लोगों ने एक तरह से पार्टी नेतृत्व को हाईजैक कर रखा है । बीजेपी के आरोप कितने सही है और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने का अधिकार क्या बीजेपी के पास है?

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अतिआत्मविश्वास, अहंकार और सहयोगियों से दूरी कांग्रेस की हरियाणा में हार की वजह बनी है। ये आरोप कांग्रेस के अपनों ने लगाया है। अब राजनीति में कांग्रेस की धुर विरोधी बीजेपी भला कहां पीछे रहने वाली थी। बीजेपी ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस फ्रेंचाइज़ी सिस्टम पर चल रही है और इसको चलने वाले झोलाछाप वामपंथी है। जाहिर है अपनों के साथ बीजेपी के ये बयान कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

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हरियाणा में कांग्रेस को जीत की बड़ी उम्मीद थी। ठीक वैसी ही जीत जैसे मध्यप्रदेश के चुनावों के पहले कांग्रेस को थी। खासकर कांग्रेस के पक्ष में जिस तरह से ओपीनियन पोल के नतीजे दिए थे। कांग्रेस भी उन नतीजों के जरिए सातवें आसमान पर थी। लेकिन, जब ईवीएम खुली तब कांग्रेस को सच्चाई का आभास हुआ। हार के कारणों पर जब मंथन हुआ तो पार्टी के भीतर से ही ये आरोप लगने लगे कि मनमाने तरीके से टिकट बांटे गए ना आलाकमान के सर्वे का मान रखा गया ना ही मध्यप्रदेश के जमीनी नेताओं की सुनी गई।

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कांग्रेस में फ्रेंचाइज़ी सिस्टम का कल्चर पुराना है। मध्यप्रदेश में तो एक जमाने में शुक्ल बंधुओं का दौर था, उसके बाद अर्जुन सिंह का युग आया। फिर दिग्विजय सिंह और कुछ महीनों पहले तक बिना कमलनाथ की मंजूरी के कांग्रेस में एक पत्ता भी नहीं हिलता था। कांग्रेस कहती तो है कि उनकी पार्टी संगठन और कार्यकर्ता बेस्ड है, लेकिन इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के चुभते सवाल और बीजेपी के बयानों के बाद अब ये सवाल बड़ा मौजूं हो गया है कि कांग्रेस में कितने ठेकेदार?

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