Decision to ban liquor in religious cities of MP : भोपाल। मध्य प्रदेश में 17 धार्मिक शहरों में अब शराबबंदी लागू होने जा रही है। इस निर्णय की सराहना पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने की है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस कदम को प्राथमिकता बताते हुए समर्थन व्यक्त किया है। यह फैसला नई आबकारी नीति के तहत 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। इस नीति के तहत धार्मिक स्थलों के आसपास स्थित शराब की सभी दुकानें बंद की जाएंगी। हालांकि, सरकार राजस्व में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए शहरों के बाहरी इलाकों में नई दुकानों को स्थापित करने पर विचार कर रही है।
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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि “मध्य प्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी का फैसला एक अभूतपूर्व कदम है। इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव का अभिनंदन।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनकी सरकार ने दो साल पहले शराब पर प्रतिबंध की नीति का ऐलान किया था, जो जनहित और व्यावहारिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण थी। इस निर्णय को उन्होंने पूर्ण शराबबंदी की दिशा में एक और कदम करार दिया।
Decision to ban liquor in religious cities of MP : उमा भारती के ट्वीट के जवाब में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिखा, “आदरणीय दीदी, प्रणाम। प्रदेश के धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी का फैसला सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इससे न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान होगा, बल्कि समाज को भी सकारात्मक दिशा मिलेगी। आपके आशीर्वचन के लिए धन्यवाद।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह फैसला श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने के साथ-साथ समाज के हित में लिया गया है।
1. मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के द्वारा “धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी” अभूतपूर्व निर्णय है, इसके लिए मोहन यादव जी का अभिनंदन। @DrMohanYadav51@CMMadhyaPradesh
— Uma Bharti (@umasribharti) January 22, 2025
नई नीति के तहत धार्मिक स्थलों के निकट शराब की दुकानों को बंद करने का प्रावधान है। उदाहरण के लिए, उज्जैन में कुल 17 दुकानों को बंद किया जाएगा। इन दुकानों से बीते साल सरकार को 242 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसी तरह, अन्य 12 धार्मिक शहरों में भी शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।
Decision to ban liquor in religious cities of MP : आबकारी विभाग ने इस नीति का मसौदा तैयार कर मंत्रिपरिषद की समिति को सौंप दिया है। सोमवार को इस पर विस्तार से चर्चा हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि अहातों के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इस नीति से धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी और सामाजिक दृष्टिकोण से भी यह एक सकारात्मक पहल होगी।