भोपाल । विधानसभा चुनाव को लेकर 15 दिनों में अमित शाह का दूसरा दौरा काफी लंबा रहा। यहां दिग्गज नेताओं की देररात मीटिंग चली। पहले कोर ग्रुप के साथ वन टू वन चर्चा हुई उसके बाद सुबह सत्ता और संगठन से बंद कमरे में अलग से बात हुई। एक लाइन में कहे तो एमपी में अमित शाह ने चुनावी रोडमैप फाइनल कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि शाह बार-बार आ रहे हैं । क्या खिचड़ी पका रहे। बीजेपी मध्य प्रदेश में चुनावी मोड में है। इसी महीने 15 दिन में देश के गृह मंत्री और बीजेपी के सबसे सफल चुनावी रणनीतिकार अमित शाह दो बार भोपाल आकर बीजेपी कोर ग्रुप के साथ बैठक कर चुके हैं।
बुधवार को देर रात कोर ग्रुप के दिग्गजों के साथ करीब साढ़े तीन घंटे मंथन किया। दिल्ली रवाना होने से पहले गुरुवार सुबह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी चर्चा हुई। एक ही गाड़ी में तीनों नेता साथ थे यानी संकेत यही हैं कि विधानसभा चुनाव के केंद्र में शिवराज और वीडी की जोड़ी ही रहेगी। बीजेपी कोर ग्रुप की देर रात तक चली बैठक में अमित शाह ने विधानसभा चुनाव का रोडमैप लगभग तय कर दिया है। बीजेपी की सर्वे रिपोर्ट में कई विधायकों की स्थिति अच्छी नहीं बताई गई। ऐसे में बीजेपी उनका चुनाव में टिकट काट सकती है। ऐसे में दावेदारों की नाराजगी से निपटने के फार्मूले पर काम करने के लिए कहा गया है। रूठे और असंतुष्ट नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी कोर ग्रुप के दिग्गजों को दी है।
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अमित शाह 30 जुलाई को फिर मध्यप्रदेश आएंगे और इंदौर में बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। अमित शाह मध्य प्रदेश में हर 15-20 दिन में आएंगे। तो हर कदम पर उनकी सीधी नजर रहेगी। कांग्रेस की कमजोरियों और बूथ स्तर पर तैयारियों की जानकारी को विधानसभावार तैयार किया जा चुका है। हर बूथ पर वोट प्रतिशत 51 करने पर बीजेपी की निगाह है, तो कमलनाथ के नेतृत्व में विपक्षी दल भी रणभूमि में हिसाब-किताब करने के लिए उत्साहित हैं।
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