National Children's Science Congress inaugurated

MP News: सीएम यादव ने किया 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ, कहा-जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान में अब जुड़ गया है जय अनुसंधान

MP News: सीएम यादव ने किया 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ, कहा-जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान में अब जुड़ गया है जय अनुसंधान

Edited By :  
Modified Date: January 3, 2025 / 08:33 PM IST
,
Published Date: January 3, 2025 8:33 pm IST

भोपाल। MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय विज्ञान और परंपरा के गहरे संबंध हैं। भारत ने हमेशा अपने नेतृत्व से विज्ञान और नवाचार को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच ने भारतीय विज्ञान और अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का आह्वान कर भारत को एक नई ऊर्जा दी। इस नारे ने न केवल भारत की रक्षा और कृषि को मजबूत किया, बल्कि राष्ट्र को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित भी किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने इस कड़ी में ‘जय विज्ञान’ को जोड़ा, जो भारत की वैज्ञानिक सोच और उपलब्धियों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस श्रृंखला में ‘जय अनुसंधान’ जोड़ते हुए विज्ञान और नवाचार को एक नई दिशा दी है। कोविड-19 महामारी के दौरान मात्र एक वर्ष में स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण करना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। यह उपलब्धि भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य और नेतृत्व की कुशलता को प्रदर्शित करती है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी के समय में हुए परमाणु परीक्षण (पोखरण) और मोदी जी के नेतृत्व में हुई वैज्ञानिक प्रगति, दोनों ही यह दिखाते हैं कि भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलकर दुनिया के सामने अपनी क्षमता को सिद्ध किया है।

Read More: China New Virus: दुनिया पर मंडराया नई महामारी का खतरा! अब इस वायरस ने मचाया कोहराम 

किया महादेव फिल्म सीरीज का लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को रवींद्र भवन में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस को बाल प्रतिभाओं के विकास का उचित मंच बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन जिले के डोंगला में स्थापित वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला में हुए नवीनीकरण कार्य एवं नए उपकरणों के साथ ऑटोमेशन कार्य का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने वीर भारत न्यास के रिसर्च जर्नल ‘युगयुगीन भारत का पुरोवाक्’ का विमोचन किया, साथ ही वीर भारत न्यास द्वारा बनाई गई महादेव फिल्म सीरीज का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेन्द्र सिंह का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। वीडियो संदेश में केन्द्रीय मंत्री सिंह ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में आए बच्चों को श्रेष्ठतम प्रदर्शन करने की प्रेरणा देकर उनका उत्साहवर्धन किया।

Read More: B.Ed Ass. Teachers Latest Update: नहीं जाएगी B.Ed. टीचर्स की नौकरी?.. चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में सरकार ने गठित की 5 मेम्बर्स की कमेटी..

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। विज्ञान और संस्कृति का यह समन्वय भारत को एक बार फिर से वैश्विक मंच पर सबसे आगे लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत का भविष्य आप सबके हाथों में है। विज्ञान, संस्कृति और परंपरा का संतुलन ही हमारे विकास का आधार है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 6 गल्फ देशों और भारत के विभिन्न राज्यों से आये 700 बच्चों और शिक्षकों की भागीदारी ने इसे विशेष और ऐतिहासिक बना दिया है। यह आयोजन नई पीढ़ी को विज्ञान और नवाचार के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

 

MP News। Image Credit: MPDPR

MP News। Image Credit: MPDPR

मुख्यमंत्री डॉ. यादव वेधशाला के ऑटोमेशन के शुभारंभ पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह पहल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिये खगोलीय रहस्यों को बेहतर तरीके से समझने में सहायक होगी। उन्होंने बताया कि भारत का भूगोल एवं खगोल विज्ञान प्राचीन काल से उन्नत थे। उन्होंने कहा कि नवग्रह की पूजा, ज्योतिष और खगोलीय घटनाओं का अध्ययन हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।

Read More: Road Accident: दर्दनाक हादसा, दो अलग-अलग हादसों में चार लोगों की मौत, मची चीख-पुकार 

की बाल वैज्ञानिकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रीनविच समय की अवधारणा को पुन: परिभाषित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने समय और परिक्रमा का अध्ययन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किया था, जिसे आज के परिप्रेक्ष्य में पुन: परिभाषित करने की आवश्यकता है। रात के बारह बजे दिन की शुरूआत किसी भी दृष्टिकोण से वैज्ञानिक नहीं लगती। उन्होंने बाल वैज्ञानिकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हर हाथ को काम, हर खेत को पानी के साथ अब हर युवा को अनुसंधान के अवसर देने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम भारत के प्राचीन इतिहास और ज्ञान को न केवल संरक्षित करें, बल्कि इसे आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करें। विज्ञान और संस्कृति की जुगलबंदी ने भारत को हजारों वर्षों तक समृद्ध बनाए रखा। इसे पुनर्जीवित करने का समय आ गया है।

सीएम यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में  दिया जा रहा विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के संस्कृति सलाहकार और वीर भारत न्यास के सचिव डॉ. राम तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में पहली बार राज्य की प्राचीन भारतीय विरासत, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, कृषि, जल संरक्षण और उद्योग-व्यापार के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विज्ञान और संस्कृति को एक साथ जोड़ने के प्रयासों को नई ऊंचाई दी है। इसी क्रम में वीर भारत न्यास द्वारा दो महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। पुरोवाक् रिसर्च जर्नल भारतीय सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के विभिन्न आयामों पर केंद्रित होगा। इसका पहला अंक भारत की ऐतिहासिक, पुरातात्विक और समाज वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ समकालीन प्रासंगिकता को रेखांकित करता है। यह पत्रिका संस्कृति और विज्ञान के बीच के संबंधों को एक नए दृष्टिकोण से सामने लाने का प्रयास करेगी। वीर भारत यूट्यूब चैनल की नई सीरीज़ ‘महादेव’ शिव से जुड़े ब्रह्मांडीय और वैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित है। महादेव का आदि ज्योर्तिलिंग अब तक के 84 कल्पों के महादेवों, ज्योतिर्लिंगों, एकादश रुद्रों, और ब्रह्मांडीय घटनाओं पर आधारित यह प्रस्तुति एक नई सोच को सामने लाएगी। इसके अलावा अपने शौर्य, रचनात्मकता तथा सामाजिक-सांस्कृतिक संस्कारों से भारत को समृद्ध करने वाली विविध जनजातियों पर केन्द्रित सीरिज ‘युग युगीन भारतवंशी’ जिसमें सृष्टि की पुराकथा तथा पुराण कथाओं के भीतर अंतर्निहित विज्ञान और दर्शन सम्मत अवधारणाओं का संग्रह यह सीरीज़ प्राचीन भारतीय जनजातियों और उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक योगदान को रेखांकित करती है। वीर भारत न्यास की यह पहल भारतीय परंपरा और आधुनिकता के संगम की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग संजय दुबे ने बाल विज्ञान कांग्रेस के आयोजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश में विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में लगातार नवाचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं उन्हें इस बात की खुशी है कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की शुरूआत भी इसी वर्ष उनके गृह नगर ग्वालियर में हुई थी। उन्होंने कहा कि भोपाल जैसी हरित एवं स्वच्छ राजधानी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के आयोजन के लिए एक सर्वथा आदर्श स्थल है।

 

MP News। Image Credit: MPDPR

MP News। Image Credit: MPDPR

आईआईटी इंदौर के निदेशक डॉ. सुहास जोशी ने बताया कि डोंगला की टेलिस्कोप के ऑटोमेशन के लिए आईआईटी इंदौर ने सॉफ्टवेयर डेवलप किया है। इस सुविधा से देश का कोई भी नागरिक घर बैठे इसका उपयोग कर सकता है। उन्होंने आईआईटी इंदौर में साइंस एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी बाल वैज्ञानिकों को आईआईटी इंदौर भ्रमण करने का आमंत्रण भी दिया।

अविष्कारों को मिला बढ़ावा

विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री डॉ. शिव कुमार शर्मा ने कहा‍ कि, शोध एवं नवाचारों से नए-नए तथ्य सामने आते हैं। विज्ञान भारती विज्ञान एवं तकनीक को समाज के आनंद और खुशी के लिए खोज करने को बढ़ावा देती है। ऐसे अविष्कारों को बढ़ावा देती है, जो समाज में सकारात्मकता, शांति, सुख, समृद्धि में इजाफा करें, साथ ही पर्यावरण की वर्तमान चुनौती और समस्याओं का समाधान निकालें। उन्होंने कहा कि आशा है कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में पूरे देश से आए बाल वैज्ञानिक इन चार दिनों में इस दिशा में अग्रसर होंगे।

Read More: Video: छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि से सरेआम मारपीट! सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

सचिव केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डॉ. अभय करंदीकर ने कहा कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की शुरूआत वर्ष 1993 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर से ही हुई थी। यह केन्द्र सरकार का एक फ्लेगशिप प्रोग्राम है। यह उन बाल वैज्ञानिक प्रतिभाओं को निखरने का अवसर देती है, जो वर्तमान की ज्वलंत समस्याओं का निदान करेंगी। इस बाल विज्ञान कांग्रेस की थीम के अनुसार पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में कार्य करेंगे। यह कार्यक्रम बच्चों को विज्ञान और तकनीक के नए अविष्कार और खोज से जुड़ने की प्रेरणा देगा। पूरे देश से आए सभी बच्चे इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने-अपने अनुभव को एक-दूसरे से साझा करें। डॉ. रश्मि शर्मा ने विज्ञान कांग्रेस में आए सभी अतिथियों, आगुंतकों एवं बाल वैज्ञानिकों का आभार माना।

प्रदर्शनी का अवलोकन

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के शुभारंभ से पहले रवीन्द्र भवन परिसर में आयोजित बाल वैज्ञानिकों की मॉडल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने बच्चों द्वारा प्रदर्शित विज्ञान मॉडल्स का बारीकी से अवलोकन किया, विजिटर बुक में रिमार्क लिखे और बाल वैज्ञानिकों की मुक्त कंठ से सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित विज्ञान चित्र प्रदर्शनी का भी शुभारंभ कर अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बच्चों के बीच पहुंचे और उनके साथ मैत्री संवाद किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ सेल्फी भी ली।

 

MP News। Image Credit: MPDPR

MP News। Image Credit: MPDPR

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

 
Flowers