भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: 27 जनवरी को कांग्रेस महू में जय बापू, जय भीम जय संविधान रैली निकालने जा रही है जिसे लेकर सियासत बेहद गर्म है। बीजेपी की सरकार हर मुमकिन ये कोशिश कर रही है कि किसी तरह रैली के असर को कम किया जाए। कांग्रेस भी अपनी ओर ये नरेटिव सेट कर रही है कि अंबेडकर उसके हैं और संविधान के रक्षक भी वही है। कुल मिलाकर अंबेडकर पर मच गया है घमासान। अब समय बताएगा इसका फायदा किसे और किसे होगा नुकसान ।
संसद में गृह मंत्री अमित शाह के कथित बयान के बाद सियासी तूफान थमता नजर नहीं आ रहा है और अब इसका केंद्र मद्यप्रदेश और बाबा साहेब की जन्मस्थली महू बन गया है। जहां कांग्रेस 27 जनवरी को ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान को लेकर यहां पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की बड़ी रैली करने जा रही है। कांग्रेस की रैली के पहले एमपी की मोहन सरकार ने दो दिन में एक के बाद एक डॉ भीमराव आंबेडकर को लेकर बड़ी घोषणा कर दी है। गुरूवार को मुख्यमंत्री ने भोपाल के सबसे बड़े जीजी फ्लाईओवर का नाम आंबडेकर के नाम पर करने का एलान कर दिया तो आज महेश्वर कैबिनेट में आंबडेकर विश्वविद्यालय महू को 25 करोड़ रु की राशि मंजूर की साथ ही विधि संकाय के साथ एक्सीलेंस सेंटर के रूप में विकसित करने का फैसला हुआ।
एक तरफ सीएम की ताबड़तोड़ घोषणाएं दूसरी तरफ कांग्रेस की संविधान रैली और फिर भाजपा का मप्र के 7 संभागों में संविधान गौरव दिवस अभियान इन सबसे बाबा साहेब को लेकर मध्यप्रदेश का सियासी पारा बेहद हाई है। सीएम लगातार कांग्रेस पर अंबेडकर जी के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाकर पाप पर पर्दा डालने का आरोप लगा रहे हैं। जिसपर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में दलितों की आबादी प्रदेश की कुल आबादी की करीब 20 फीसदी है। दलित वर्ग के करीब 80 लाख वोटर्स हैं। दलित वर्ग को साधने की होड़ में कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है। महू की रैली में कांग्रेस के दिग्गज नेता गृह मंत्री अमित शाह के कथित बयान को दलित विरोधी बताकर सहानुभूति लेने और उन्हें पूरी तरह से घेरने का प्रयास करेंगे, तो बीजेपी आक्रामक तरीके से जवाब देने की रणनीति बना रही है और जवाब देने खुद अमित शाह जेपी नड्डा सहित दिग्गज नेता मध्यप्रदेश पहुंचकर ये जताने की कोशिश करेंगे कि कांग्रेस ने दलित वर्ग को केवल वोट बैंक माना और उसके लिए कुछ नहीं किया और बाबा साहब का अपमान किया। देखना होगा अंबेडकर के नाम पर हर रोज तेज होता ये सियासी वार पलटवार कहां जाकर थमता है।