राजनीति के चपेट में भोपाल के नबाव, रियासत को लेकर कांट्रोवर्सी, दो धड़ों में बटी राजधानी

Bhopal nawab controversy राजनीति के चपेट में भोपाल के नबाव, भोपाल रियासत को लेकर कांट्रोवर्सी, राजा भोज या नबाव, किसने बसाया शहर

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  • Publish Date - June 2, 2023 / 02:31 PM IST,
    Updated On - June 2, 2023 / 02:53 PM IST

Bhopal nawab controversy: भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल के इतिहास और नवाब पर अब एक नया विवाद शुरू हो गया है। गुरुवार को भोपाल के गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आए लेखक और गीतकार मनोज मुंतशिर ने भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खां को आतंकवादी करार देकर नये विवाद को जन्म दे दिया है। इधर कई बीजेपी नेता भी भोपाल में नवाब से जुड़ी यादों को हटाने की मांग कर रहे हैं। उधर भोपाल के हिस्ट्री फोरम ने भी इसे नवाब का अपमान बताते हुए मोर्चा खोल दिया है।

Bhopal nawab controversy: देश में मुगलों और नवाबों के नाम बदलने और उन्हें देशविरोधी करार देने की कड़ी में एक और नाम जोड़ा गया है। औरंगजेब और बाबर के बाद अब भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खां को आतंकवादी घोषित किया गया है। भोपाल के गौरव दिवस कार्यक्रम में लेखन मनोज मुंतिशीर ने हमीदुल्लाह खां को आतंकवादी बताते हुए, भोपाल को राजा भोज की नगरी बताया और नाम बदलकर भोजपाल किए जाने की मान की, इसी लाइन को आगे बढ़ाते हुए बीएमसी अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी भोपाल में नबाव से जुड़ी यादें मिटाने की मांग कर डाली।

Bhopal nawab controversy: भोपाल में नबावों ने करीब 300 साल शासन किया। जबकि राजा भोज ने 1050 में यहां बड़े तालाब का निर्माण कराया था। 1723 में रानी कमलापति के जल समाधि के बाद भोपाल में नबावी शासन आया। भोपाल के हिस्ट्री फोरम ने मनोज मिन्तिशीर और किशन सुर्वयंशी के बयान को झूठा करार देते हुए मोर्चा खोल दिया है।

Bhopal nawab controversy: मौका तो भोपाल के गौरव दिवस का है लेकिन भोपाल की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक नए विवाद में जन्म ले लिया है सवाल यह है कि भोपाल राजा भोज ने बसाया, रानी कमलापति ने या फिर नवाबों ने, नबावों के नामों निशान मिटाने को कांग्रेस बीजेपी की साजिश करार दे रही है तो वहीं बीजेपी इस पहल का स्वागत कर रही है

Bhopal nawab controversy: हिंदूवादी और राष्ट्रवाद की विचारधारा वाले संगठन भोपाल को राजा भोज की नगरी बताकर इसका नाम भोज पाल करने की वकालत कर रहे हैं लेकिन ऐसे में भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह के बजूद पर छिड़े विवाद विवाद के बाद भोपाल के रहवासी और विचारक भी दो दलों में बैठते हुए नजर आ रहे हैं।

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