Bhopal nagar nigam tendor: भोपाल। (शिखिल ब्यौहार) शहर का कर्ताधर्ता भोपाल निगम की हालत इतनी खस्ता है कि सड़कों नालियों से लेकर तमाम मूलभूत सुविधाओं के काम तक नहीं कर पा रहा है। ऐसे में निगम प्रशासन शहर सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिए करोड़ों रुपये की फिजूल खर्ची कर रहा है। हाल ही में उजागर हुआ एक ही दिन में बीजेपी के 58 पार्षदों के नास्ते पर 2 लाख 90 हजार का मामला ठंडा नहीं हुआ था कि अब फूल-मालाओं के नाम पर भारी खर्च की तैयारी निगम प्रशासन ने कर ली है। यह राशि भी कुछ लाखों में नहीं बल्कि करोड़ के पार है।
Bhopal nagar nigam tendor: हाल ही में सड़कों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। स्ट्रीट लाइट का बिल भुगतान नहीं होने के कारण शहर अंधकार में है। नाले-नालियों की खस्ता हालात को सुधार के लिए फंड नहीं है। दो दर्जन से अधिक बड़े प्रोजेक्ट फंड के इंतजार में दम तोड़ने की कगार पर हैं। लेकिन जनता के पैसों से शहर को चलाने वाला और अकसर तंगहाली का रोना-रोने वाला नगर निगम कभी बीजेपी के पार्षदों के नास्ते पर लाखों रूपये तो कभी नेताओं की जी-हुजूरी कम करने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई को पलीता लगा रहा है।
Bhopal nagar nigam tendor: यह जानकार आपको आश्चर्य होगा कि नगर निगम की अकसर विवादों में रहने वाली जनसंपर्क शाखा ने नेताओं पर फूलमाला, सजावट, फ्लावर पार्ट के खर्च के नाम डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। यह टेंडर 24 माह का है। मतलब कुल 85 पार्षदों वाला नगर निगम एक साल में 75 लाख रुपये सिर्फ इस बात पर खर्च करेगा कि नेताओं को फूलमालाओं से आओ-भगत की जा सके। वो भी तब जब प्रदेश के मुखिया ही नेताओं को फूल-माला। शुभकामनाओं के बेनर-पोस्टर जैसे फिजूल खर्ची के लिए कई बार नसीहत दे चुके हैं।
Bhopal nagar nigam tendor: इस मामले में नगर निगम नेताप्रतिपक्ष ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। कहा कि यह असंवैधानिक है। जनता को सुविधाएं दे पाने में नाकाम निगम की मनमानी शहर पर भारी पड़ रही है। उन्हें इसे अपराध मानते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है। मामले पर भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने दावा किया कि टेंडर के बारे में पूरी जानकारी अफसरों से ली जाएगी। आखिर किस मद में कैसे कितना और कब तक का पूर्वानुमान टेंडर नोटशीट लिखा गया है इसकी जांच भी कराई जाएगी। जांच के दायरे में यह भी होगा कि आखिर नगर निगम को इस काम की कितनी आवश्यकता है।
Bhopal nagar nigam tendor: ये कहने में कोई दोरेज नहीं कि नगर निगम में जो हो उसे कम ही मानिए। इससे पहले भी नेताओं की जी-हुजूरी को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं। पांच दर्जन से ज्यादा घोटाले की फाइल जनता के पैसों का हिसाब मांग मांगते-मांगते बंद कर दी गईं। जनसुविधाओं और विकास कार्य के लिए फंड की कमी का राग आए दिन अफसर अलापते हैं। लेकिन परिषद की बैठकों में अफसरों की खिंचाई करने वाले नेताओं की चाटुकारिता के लिए फंड की कोई कमी यहां नहीं इसे जनता से धोखा न कहा जाए तो फिर क्या कहा जाए।
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