भोपाल गैस त्रासदी : जीवित बचे लोगों की अगली पीढ़ी में दिखा रिसाव का असर

भोपाल गैस त्रासदी : जीवित बचे लोगों की अगली पीढ़ी में दिखा रिसाव का असर

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  • Publish Date - November 24, 2024 / 05:26 PM IST,
    Updated On - November 24, 2024 / 05:26 PM IST

भोपाल, 24 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के भोपाल में 40 साल पहले यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से जहरीली गैस के रिसाव का असर त्रासदी में जीवित बचे लोगों की अगली पीढ़ी में भी देखा गया। एक पूर्व सरकारी फोरेंसिक डॉक्टर ने यह जानकारी दी।

वर्ष 1984 में दो-तीन दिसंबर की दरमियानी रात को कीटनाशक बनाने वाली कंपनी यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से जहरीली गैस के रिसाव से कम से कम 3,787 लोगों की मौत हो गई थी और पांच लाख से अधिक अन्य प्रभावित हुए थे।

गैस त्रासदी में जीवित बचे लोगों के संगठनों की ओर से शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. डीके सतपथी ने कहा कि उन्होंने आपदा के पहले दिन 875 पोस्टमार्टम किए और अगले पांच वर्षों में 18,000 शव परीक्षण होते देखे।

डॉ. सतपथी ने दावा किया कि यूनियन कार्बाइड ने जीवित बची महिलाओं के अजन्मे बच्चों पर जहरीली गैस के प्रभाव की किसी भी आशंका से इनकार किया था और कहा था कि रिसाव का असर किसी भी सूरत में गर्भ में ‘प्लेसेंटल बैरियर’ (अपरा अवरोध) को पार नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि त्रासदी में मरने वाली गर्भवती महिलाओं के रक्त के नमूनों की जांच की गई और पाया गया कि मां में मौजूद 50 फीसदी जहरीले पदार्थ उसके गर्भ में पल रहे शिशु में भी थे।

डॉ. सतपथी ने दावा किया कि त्रासदी में बची महिलाओं के गर्भ से पैदा होने वाले शिशुओं में जहरीले तत्व थे, जिससे अगली पीढ़ी का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ।

उन्होंने मामले में किए गए शोध को बंद करने पर सवाल उठाए।

डॉ. सतपथी ने कहा कि गैस रिसाव का प्रभाव कई पीढ़ियो में देखने को मिलेगा।

उनके मुताबिक, ऐसा कहा गया था कि यूनियन कार्बाइड संयंत्र से एमआईसी गैस का रिसाव हुआ था और जब यह गैस पानी के संपर्क में आई, तो हजारों गैसें बनीं, जिनमें से कुछ ने कैंसर, उच्च रक्तचाप और लीवर संबंधी समस्याओं को जन्म दिया।

भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि कार्यक्रम में डॉ. सतपथी के अलावा कई वरिष्ठ चिकित्सकों और आपात कर्मियों ने गैस त्रासदी के दौरान के अपने अनुभव साझा किए।

भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी के अनुसार, त्रासदी की 40वीं बरसी के उपलक्ष्य में आपदा के हर पहलू को शामिल करने वाली एक पोस्टर प्रदर्शनी चार दिसंबर तक आयोजित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि औद्योगिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक कॉर्पोरेट अपराधों पर केंद्रित एक रैली भी आयोजित की जाएगी।

भाषा पारुल नरेश

नरेश