(तस्वीर के साथ)
भोपाल, एक दिसंबर (भाषा) जन्मजात दिव्यांगता वाले 30 से अधिक बच्चों ने विश्व की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी की 40वीं बरसी के अवसर पर रविवार को भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘सेरेब्रल पाल्सी’, बौद्धिक विकास संबंधी विकार और अन्य दिव्यांगता से पीड़ित ये बच्चे अब बंद हो चुकी यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के सामने एकत्र हुए, जहां दो और तीन दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात को घातक गैस रिसाव हुआ था। इस घटना में 5,479 लोग मारे गए थे और पांच लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
‘चिंगारी ट्रस्ट’ की मदद से आयोजित कार्यक्रम में मोमबत्तियां और तख्तियां थामे बच्चों ने न्याय की मांग करते हुए सवाल किया कि ‘‘उनकी क्या गलती थी।’’
चिंगारी ट्रस्ट की ‘स्पीच थेरेपिस्ट’ नौशीन खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ये बच्चे स्वाभाविक रूप से दिव्यांग पैदा नहीं हुए हैं, बल्कि यूनियन कार्बाइड के जहर के कारण विकलांग हुए हैं। ये बच्चे दुनिया को बताना चाहते हैं कि सबक सीखना होगा ताकि ऐसी आपदा कभी न दोहराई जाए। मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि देने का उद्देश्य आघात और दर्द को याद दिलाना है।’’
भाषा शफीक नरेश
नरेश