uniform civil code applicable in mp : भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक के बाद एक फैसले लेते जा रहे है। वहीं प्रदेश के सीएम का एक और बयान सामने आया है। जहां पर वह मंच से जनता हो संबोधित करते हुए कह रहे है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। इस कानून का वह पक्ष रख रहे है। ऐसा कहते हुए शिवराज सिंह चौहान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
uniform civil code applicable in mp : सीएम शिवराज सिंह चौहान जिला बड़वानी में जनता को संबोधित करते हुए कह रहे है कि आजकल के लोग आदिवासी युवतियों से शादी कर उनकी जमीं अपने नाम करा लेते है और उसके बाद उस लडकी को छोडकर दूसरी शादी कर लेते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार से निवेदन है कि ऐसा कानून आना आवश्यक है जिससे लोग अब एक पत्नी के बाद दूसरी शादी नहीं कर पाएंगे। एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए।
uniform civil code applicable in mp : समान नागरिक संहिता का अर्थ है, देश के हर नागरिक पर एक समान कानून लागू होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो। अभी देश में अलग-अलग मजहबों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं, लेकिन समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सभी मजहबों के लोगों को एक जैसे कानून का पालन करना पड़ेगा। हमारे देश में अभी धर्म और परंपरा के नाम पर अलग-अलग नियमों को मानने की छूट है, लेकिन यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेने और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए नियम एक-समान होंगे। वैसे इसके लागू होने से नागरिकों के खान-पान, पूजा-इबादत, वेशभूषा आदि धार्मिक परंपराओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
uniform civil code applicable in mp : यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुस्लिम समाज विरोध करता रहा है। जब 1951 में डा. बी.आर. अंबेडकर और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने हिंदू समाज के लिए हिंदू कोड बिल लाने की कोशिश की थी, तब भी उसके खिलाफ आवाजें उठी थीं। साथ ही केवल एक धर्म विशेष के लिए ऐसा कानून लाने पर सवाल भी उठाए गए थे। यूनिफॉर्र्म सिविल कोड का विरोध करने वालों का तर्क है कि इसके द्वारा सभी धर्मों पर हिंदू कानून लागू कर दिया जाएगा।
वर्ष 1954-55 में भारी विरोध के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हिंदू कोड बिल लाए थे। इसके आधार पर हिंदू विवाह कानून और उत्तराधिकार कानून बने। यानी हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख समुदायों के लिए शादी, तलाक, उत्तराधिकार जैसे नियम तो संसद में तय कर दिए गए। लेकिन मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदायों को अपने-अपने धार्मिक कानून यानी पर्सनल लॉ के अनुसार चलने की छूट दे दी गई। ये छूट नागा आदि कई आदिवासी समुदायों को भी प्राप्त हुई, जो अपनी परंपरा के हिसाब से कानूनों का पालन करते हैं।
अलग-अलग धर्मों के अलग कानून से न्यायपालिका पर बोझ पड़ता है। समान नागरिक संहिता लागू होने से इस परेशानी से निजात मिलेगी और अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों के फैसले जल्द होंगे। सभी के लिए कानून में एक समानता से देश में एकता बढ़ेगी। जिस देश में नागरिकों में एकता होती है, किसी प्रकार वैमनस्य नहीं होता है, वह देश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। देश में हर भारतीय पर एक समान कानून लागू होने से देश की राजनीति पर भी असर पड़ेगा और राजनीतिक दल वोट बैंक वाली राजनीति नहीं कर सकेंगे और वोटों का ध्रुवीकरण नहीं होगा।
uniform civil code applicable in mp : शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि मैं समान नागरिक कानून का पक्षधर हूं। इसलिए इस मंच से में घोषणा करता हूं कि जल्द ही प्रदेश में समान नागरिक सहिंता कानून को लागू किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ही कमेटी बनेगी। अब केवल एक ही पत्नी रखने का प्रावधान होगा।