रिपोर्ट- नवीन सिंह के साथ सुधीर दंडोतिया, भोपाल: Barricade from meeting प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही अगले साल हो, लेकिन इसे लेकर सियासी बिसात अभी से बिछने लगी है। कांग्रेस जहां महंगाई के मुद्दे पर अपनी पैठ बनाने में जुटी है वहीं बीजेपी संगठन को मजबूत कर अपना वोट 50 फीसदी से ज्यादा करने में लगी है। इसी सिलसिले में आज कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया तो बीजेपी के आला नेताओं के बीच मंथन जारी है।
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Barricade from meeting राजधानी में बीजेपी और कांग्रेस की सक्रियता साफ जाहिर करती है कि दोनों ही पार्टियां 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर कितनी गंभीरता से जुटी है। कांग्रेस ने एक बार फिर महंगाई का मुद्दा उठा कर हर घर तक पहुंचने की कोशिश की। सिर्फ भोपाल में ही नहीं प्रदेश में हर जगह कांग्रेस ने अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। आप टेलीविजन स्क्रीन पर तीन तस्वीरें देख सकते हैं। ग्वालियर में थाली बजाकर इंदौर में महंगाई का पौधा लगाकर तो भोपाल में खाली सिलेंडर के साथ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। सबसे बड़ा प्रदर्शन भोपाल में हुआ जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद इसकी अगुआई की। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी साफ कर दिया है कि अगले डेढ़ साल तक महंगाई को लेकर हर स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
कांग्रेस महंगाई को लेकर जहां मैदान में थी वहीं बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ कई घंटे तक मंथन किया बैठक में 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस और 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती की तैयारियों पर चर्चा हुई, इसके अलावा रामनवमी पर पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर कार्यक्रम किए जाने पर भी विचार किया गया, बैठक में समर्पण निधि को 31 मार्च से बढाकर 30 अप्रैल कर दी गई। बैठक में वरिष्ठ नेताओं को 80 फीसदी बूथ डिजिटलाइजेश की जानकारी भी दी गई। जाहिर है बीजेपी अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए अगले डेढ़ साल में कोई मौका नहीं चूकना चाहती।
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दरअसल यूपी में योगी रिटर्न्स के बाद मध्यप्रदेश में भी पार्टी पर दबाव है कि वो 2023 में वापसी करें इसका ही नतीजा है कि चाहे कोई भी जयंती या पर्व हो बीजेपी उसे भुनाने का कोई मौका नही चूक रही। वहीं कांग्रेस को इस बार भरोसा है कि 2018 की तरह इस बार भी लोगों की नाराजगी उसके जीत की वजह बनेगी।