CM Dr Mohan Yadav: स्टार्ट-अप और वोकल-फॉर-लोकल के स्वदेशी भाव ने देश की अर्थव्यवस्था को किया इंग्लैंड से आगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

India completed the target of becoming a 5 trillion economy बालाघाट में आयोजित स्वदेशी मेले के शुभारंभ में स्वदेशी विचारक भैयाजी जोशी ने कहा कि मेले हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं और इनमें स्वदेशी के समावेश से हम आर्थिक रूप से शक्तिशाली बन रहे हैं।

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  • Publish Date - December 3, 2024 / 10:11 PM IST,
    Updated On - December 3, 2024 / 10:11 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी स्टार्ट-अप, मेक-इन-इंडिया और वोकल-फॉर-लोकल के प्रेरणादायक आह्वान ने देश में उद्यमिता के पुनर्जागरण की अलख जगाई है। (India completed the target of becoming a 5 trillion economy) भारत आज इंग्लैंड को पीछे छोड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को बालाघाट में स्वदेशी मेले को संबोधित कर रहे थे। डॉ. यादव ने मेले में शासकीय विभागों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। साथ ही युवाओं को ऑफर लेटर और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र प्रदान किए और उपस्थित युवाओं से संवाद किया। स्वदेशी विचारक भैया जी जोशी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने स्वदेशी मेले में आने के लिए श्री भैयाजी जोशी का आभार माना।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मेला का अर्थ मेल-जोल है और इसमें व्यापार के साथ ही सांस्कृतिक मेलजोल को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी मेले का प्रारंभ वर्ष 1999 से निरंतर विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है। (India completed the target of becoming a 5 trillion economy) मुम्बई से प्रारंभ स्वदेशी मेले में स्वदेशी उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय से छोटे-बड़े उद्योगों को बल मिला है। यह केवल मेला ही नहीं स्वदेशी मेले के रूप में मिनी इंडिया का स्वरूप देखने को मिल रहा है। यहाँ अलग-अलग प्रांतों की लोककला और कारीगरी को एक स्थान और एक मंच पर देखने का अवसर मिलता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पहले हमारा देश सोने की चिड़िया हुआ करता था, हम दुनिया की शीर्षस्थ अर्थव्यवस्था थे और हमारे उद्योग, धंधे, मसाले, रेशम और मलमल जैसे चमत्कारी वस्त्र दुनिया भर में मशहूर थे। कहा जाता है कि ढाका का बना मलमल अंगूठी के छल्ले से निकल जाता था। अंग्रेजों ने हमारी इसी स्वदेशी ताकत को कमजोर बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन और प्रेरणा से देश के साथ ही प्रदेश के युवा ने भी नौकरी मांगने नहीं, देने वाले बनने के गंभीर और दूरदर्शी संदेश को समझा। आज हमारे यहां 37 हजार से भी अधिक स्वदेशी स्टार्ट-अप सक्रिय हैं। हमारा युवा उद्यमशील होकर नौकरी देने वाला बन रहा है।

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से आगे बढ़ रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के कंसेप्ट को आगे बढ़ाने में हमें प्रधानमंत्री का प्रोत्साहन भी मिला है। हमारे प्रयास सफल रहे, हमने सागर, रीवा, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों में भी सफलतापूर्वक रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का सफल आयोजन किया और अब जल्द ही नर्मदापुरम में भी करने जा रहे हैं। (India completed the target of becoming a 5 trillion economy) नर्मदापुरम में इंडस्ट्री के लिए पूर्व में आरक्षित 250 हेक्टेयर भूमि को बढ़ाकर 500 हेक्टेयर कर दिया गया है। इसे हम 750 हेक्टेयर तक बढ़ायेंगे। इसमें नवकरणीय ऊर्जा पार्क और अन्य दूसरे उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव भी मिले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अब तक हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से 2.5 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए और इनसे 2 लाख रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हम उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी को इंडस्ट्री-फ्रेंडली बनाने के लिये हर स्तर पर जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हम उद्योगों को पारिश्रमिक के रूप में प्रति कर्मचारी 5 हजार रुपए की प्रारंभिक सहायता भी दे रहे हैं।

प्रदेश में हुए 17 मेडिकल कॉलेज

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के अंतिम छोर के नागरिक के लिए भी अच्छे स्वास्थ्य और उसे चिकित्सा सुविधाएं सुलभ कराने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में वर्ष 2003-04 में 5 मेडिकल कॉलेज थे, जिन्हें बढ़ाकर हमने 17 कर दिया है। इतना ही नहीं प्रदेश में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या भी 13 हो गई है। आने वाले वर्ष में 12 और सरकारी कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। साथ ही 13 नए आयुर्वेदिक कॉलेज भी खोले जाएंगे, इनमें से एक बालाघाट में भी होगा। (India completed the target of becoming a 5 trillion economy) मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वदेशी मेले की सराहना करते हुए कहा कि इसमें आयुर्वेदिक औषधियों को बिक्री के लिए प्रदर्शित किया जाना अच्छी पहल है। कोविड त्रासदी के दौर में हमारी स्वदेशी आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली की जीवन-रक्षक शक्ति की महत्ता पूरे देश ने जानी समझी। आयुर्वेद में असीम संभावनाएं हैं, इसलिए प्रदेश सरकार इसे बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज प्रदेश का बजट 3.25 लाख करोड़ से बढ़कर 3.5 लाख करोड़ हो चुका है। हमारा लक्ष्य इसे 7 लाख करोड़ रुपए तक ले जाना है, जिससे हम प्रधानमंत्री मोदी के देश को 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

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मेला हमारे जीवन का अभिन्न अंग

बालाघाट में आयोजित स्वदेशी मेले के शुभारंभ में स्वदेशी विचारक भैयाजी जोशी ने कहा कि मेले हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं और इनमें स्वदेशी के समावेश से हम आर्थिक रूप से शक्तिशाली बन रहे हैं। (India completed the target of becoming a 5 trillion economy) भैयाजी जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से भारत सभी क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी बन रहा है। चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हमने इतना विकास किया है कि आज विदेशी भी इलाज के लिये भारत आते हैं। स्वदेशी मेले में जनजातीय कलाकारों ने आकर्षक लोकनृत्य की प्रस्तुति दी।

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